बड़ी –बड़ी डिग्री को लेकर युवक रिक्शा खींचे बीच बाजार में अनपढ़ नेता दौरे पर है महंगे – महंगे कार में । बी.ए., एम.ए., बी.एड., एम.एड., का कोई अब है जोर नहीं चाहे युवक करे पीएच-डी. शिक्षक के वे योग्य नहीं । सरकारी नौकरी के लिए दर – दर पर […]

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मेरी चाहत में नहीं कोई और है, मेरी जिंदगी में वही सिरमौर है। काफ़िर हूँ चलता रहूंगा काम है, जिंदगी में अपना नहीं ठौर है। चिराग को सम्भालना मेरे कान्हा, बुझाने वाले यहां चारों ओर है। हर शब्द लिखा है सिर्फ उनके लिए, उनको मेरे शब्दों पर नहीं गौर है। […]

सत्य का सम्बल तुम्हारे पास है, झूठ का आलम्ब लेना छोड़ दो। नित नए आयाम बस आपके होंगे, भय भी सामने तब कांपते होंगे। है प्रतिभा जो आपमें फिर झुकना क्या, तरक्की जिंदगी में तब झांकते होंगे॥ दुनिया में झूठों का भ्रम तोड़ दो, झूठ का आलम्ब लेना छोड़ दो। […]

पुराना जा के नूतन आ रहा है,सबका मंगल हो, समूचा देश खुशी में गा रहा है,सबका मंगल हो। नया है वर्ष नया कैलेण्डर,नए आगाज इसमें हो, नया सवेरा दुनिया को भा रहा है,सबका मंगल हो॥ मिले नफ़रत पर सभी को जीत तो नववर्ष मंगल हो, करें सब जो आपस में […]

भाग-१…….. वो घर की रौनक है एक अनोखी अलबेली है, वो मेरे घर टॉफी वाली मीठी-मीठी जेली है। रोज देख-देख जिसको दिन अच्छा-सा हो जाता है, वो एक लड़की दीदी-भाभी-मम्मी और सहेली है॥ वो खिलखिलाती-सी मेरे  आँगन में  हरदम खेली है, सुख हो या हो दुःख हर परिस्थिति को झेली […]

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(तर्ज-चिठ्ठी न कोई संदेश…) यूँ करके आंखें नम, हम सबको देकर गम, कहाँ तुम चले गए, खुशियों को करके कम,हम सबको देकर गम, कहाँ तुम चले गए….। कुछ तो ही कहा होगा,हमने न सुनी होगी इस गलती की सजा अब क्या यही होगी। तुम देकर दिल पे जख्म,ये है कैसा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।