प्रधानमंत्री के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल की शुरूआत करने जा रहे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ी बात कही। उन्होंने उस दुखती हुई रग पर हाथ रखने के प्रबल संकेत दिए जिस पर अबतक देश के किसी भी नेता ने हाथ नहीं रखा था। वास्तव में यदि यह […]

वाह रे सियासत तेरे रूप अनेंक, यह एक ऐसी पहेली है जिसको समझ पाना अत्यंत जटिल है। क्योंकि, कोई भी राजनीतिक व्यक्ति की कथनी एवं करनी में बहुत ही बड़ा अंतर होता है। कोई भी नेता क्या कहता है यह अलग विषय है परन्तु वह करता क्या है, इसे समझने […]

रात बढ़ती जाती है, काली परछाई की तरह,, देह रौंदी जाती है कुम्हराई मिट्टी की तरह,, सजे बदन, सवंरे नयन बाट जोहते तलबगार की,, वेश्यालय की ये कहानी है हर एक किरदार की,, पूरी देह पर भारी बस एक खाली पेट हो जाता है,, कोई बोटी का लुटेरा जब दो […]

मैं यूँ तो बेसाख़्ता होके जी नहीं सकती गर मुझे आँचल दिया है तो औजार भी दे किताबी बातों से कब मिटी है आग पेट की गरीबों को रोटी ही नहीं,आँखों में अंगार भी दे कहाँ जाएँगी ये सारी ही तालिमशुदा जवानियाँ इनके हुनर की नुमाइंदगी को कोई बाज़ार भी […]

बेटियो कि मत करो, लोगो अब उपेक्षा / परिवार कि जान,शान, होती है बेटियां  / घर में खुशाली लेकर, आती है बेटियां / संस्कारो के बीज, बोती है बेटियां / बेटा अगर हीरा है, तो मोती है बेटियां / नरम गरम स्वभाव कि, होती है बेटियां / हर कार्य में […]

जो रूकता नही, ठहरता नही रौंद देता है लाखों ख्वाहिशें उसे फर्क नही पड़ता। वो बस चलता जाता है, अपनी धुन में,में,अपने संगीत में उससे कोई बात छुप पाना मुश्किल है वक्त, समय, घड़ी कईं नाम है जिसके, कब बीत गया ये जिन्दगी का लंबा सफर ये बस वक्त बता […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।