डर अंधेरों का कुछ भी सताता नहीं, साथ मुझको उजालों का भाता नहीं। अक्स जबसे मिरा आइना हो गया, ये जमाने से कुछ भी छिपाता नहीं। मुझको जिसका तसव्वुर रहे रात दिन, रूबरू इक घड़ी को भी आता नहीं। दिल मे खंज़र  चुभा है मगर दोस्तों, ज़ख्मे-दिल मैं किसी को […]

आशिके दिलफेंक जो बनते रहे, उनको भी वादा निभाना आ गया। हाथ जबसे थामा है जाना तेरा, अपने हाथों में खजाना आ गया। फुरक़ते-शब और तड़पाते हैं वो, नाज़ उनको भी दिखाना आ गया। क्यों हैं मैखाने में तेरे खामोशी, क्या तुझे हमको सताना आ गया। साया लहराया तेरी उम्मीद […]

ज़माने बीत गए हैं उन्हें भुलाने में, हमारा ज़िक्र मगर है कहांँ फसाने में। जो अपने दरमियां दीवार हो गई हायल, तो सारी ज़िन्दगी लग जाएगी गिराने में। हवाले जिसके किया ऐशे ज़िन्दगी सब कुछ, दिखाई देता है मजबूर दिल लुभाने में। दहक रहा है जो दिल में अलाव यादों […]

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तेरी महफ़िल में दिवाने आए, आँख वो तुझसे मिलाने आए। शम्अ में जलते रहे परवाने, शम्अ को हम भी जलाने आए। राज़ दिल के मेरे पोशीदा रहें, वो  निगाहों को बताने आए। तेरे दिल में भी शरर है मौजूद, बात ये तुझको बताने आए। खौफ़ में क्यूँ न मुसाफ़िर हो […]

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तुम्हारी नज़र का इशारा मिलेगा, तो टूटे दिलों को सहारा मिलेगा। मेरे दर्द को जब किनारा मिलेगा, मुझे जीने का फिर सहारा मिलेगा। खुदाया मेरे मैं जो मझधार में हूँ, कभी मुझको भी क्या किनारा मिलेगा। कभी अजनबी रास्तों में कहीं तो, मुझे मंज़िलों का इशारा मिलेगा। हमेशा अँधेरों से […]

नफरतें दिल में ले के रखते हैं, लोग जाने ये कैसे मिलते हैंl  देखकर हमको लोग जलते हैं, गुनगुनाऊँ तो फूल खिलते हैंl  अब मुकम्मल न बात होती है, लोग टुकड़ों में बात करते हैंl  खार रस्ते पे मत बिछाओ तुम, नंगे पांवों से हम गुज़रते हैंl  वो नशा आज […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।