फर्ज

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mukesh sing
लम्बी उड़ान भरती वह,
उसके पंखों में हौंसलों की वो ताकत थी।
पग पग बढ़ाते मंजिल पाने की,
बड़ी अटल उसमें चाहत थी।
गिरकर उठना,हारकर जीतना,
जैसे सीख रहती थी वह।
आसमां छूने की चाहत में,
सपनों को सी रही थी वह।
कुछ करना था उसे,
बुलंदियों पर था पहुंचना।
कुछ बनना था उसे,
एक इतिहास भी था रचना।
ये सपने स्वार्थी नहीं थे,
इनमें तो बाबूजी का गर्व
और मां का सम्मान छिपा था।
छोटों का सुनहरा भविष्य भी,
आज कहीं मुंह बाएं खड़ा था।
पर समाज नाम के कीड़े ने,
उन सपनों को यूं कुतरना शुरू किया।
डरा-सहमा-सा बाप उसका,
और उसे शादी के बंधन में बांध दिया।
कुछ न बोली वह,
उसे तो बस बाप की पगड़ी
और मां का सम्मान बचाना था।
बेटी थी और बस यही,
फर्ज निभाना था॥
                                                                                        # मुकेश सिंह
परिचय: अपनी पसंद को लेखनी बनाने वाले मुकेश सिंह असम के सिलापथार में बसे हुए हैंl आपका जन्म १९८८ में हुआ हैl 
शिक्षा स्नातक(राजनीति विज्ञान) है और अब तक  विभिन्न राष्ट्रीय-प्रादेशिक पत्र-पत्रिकाओं में अस्सी से अधिक कविताएं व अनेक लेख प्रकाशित हुए हैंl तीन  ई-बुक्स भी प्रकाशित हुई हैं। आप अलग-अलग मुद्दों पर कलम चलाते रहते हैंl 

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बोल ऐसे बोलिए, जो सदा सुहाय। सुनने में मिठास हो,  गैर अपना हो जाए। कटु वाणी दूरी बढ़ाती, मन में वैमनस्य होय।  शांति का हरण हो, क्लेश बढ़ता जाए। तनाव रहित जीवन को, परचिंतन न रह पाए।  स्मरण करते रहे प्रभु का, सुख ही सुख हो जा॥         […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।