माँ हिंदी

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krishn modak
हिंदी न सिर्फ भाषा है,
ये  हमारी  माता  है।
कुछ मंदबुद्धि इंसानों के कारण,
आज इसकी हो रही उपेक्षा है।
माँ के प्यार में,
पापा के दुलार में
बड़ों की डांट-फटकार में,
प्रत्येक रिश्ते में हिंदी बसता है।
युवा अंग्रेजी पर अभिमान करता है,
हिंदी बिना उनका अधूरा ज्ञान रहता है।
हिंदी,सरल-सुगम एक संवाद माध्यम है,
भारतीय सभ्यता व संस्कृति की पहचान है।
प्रत्येक   शब्द में   इसका   गहरा   ज्ञान है,
हिंदी,भारत की आन-बान-शान है।
आप सभी से है हमें अपेक्षा,
हिंदी है राष्ट्रीय भाषा।
न करें माँ हिंदी की उपेक्षा,
यही विनती करता है अनुज कृष्णा।
गंगा-यमुना-सरस्वती की
पवित्र जल की धार,
हिंदी में समाहित है जीवन का सार,
हम सब मिलकर करें,
विश्व भर में भाषा हिंदी का विस्तार॥
                                          #कृष्णा कुमार मोदक
परिचय: कृष्णा कुमार मोदक की जन्मतिथि-१२ जून १९९५ और शहर-धनबाद है। आपका निवास झारखंड राज्य के धनबाद शहर में है। शिक्षा-यांत्रिक अभियांत्रिकी में डिप्लोमा एवं कार्यक्षेत्र-रेलवे में कार्यरत है। आपके लेखन का उद्देश्य-सीखते रहना है।

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