जख्म

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rajeshwari
चले हैं तेरे शहर से ज़ख्म ले के हरे,
नहीं मिलेंगे दोस्त हमसे जुदा होने के बाद।
हर पतझड़ के बाद बहारें आती ही हैं,
नहीं आएगी रिफ़ाक़तें शब-सवेरे  के बाद।
मैं खामोश हूं एक अरसे से इस कशमकश में,
कि आँखों में उनकी भी इल्तजा
झलके शिद्दत के बाद।
समन्दर की रेत पर लिखा था नाम तेरा,
नामो-निशाँ मिट जाएगा तेरे जाने के बाद।
ज़र्रा-ज़र्रा रोशन था यादों से तेरी मेरे हमदम,
सिला क्यूं दे दिया जुदाई का आने के बाद।
प्रियतम मेरे मुझको दिखाना न शज़र-ए- जुदाई,
वरना बिखर जाएंगे जंगल में आग की तरह॥

                                                    #श्रीमती राजेश्वरी जोशी

परिचय : श्रीमती राजेश्वरी जोशी का निवास अजमेर (राजस्थान) में है। आप लेखन में मन के भावों को अधिक उकेरती हैं,और तनुश्री नाम से लिखती हैं।

matruadmin

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