#गरिमा सिंहपरिचय-नाम- गरिमा अनिरुद्ध सिंहसाहित्यिक उपनाम-मधुरिमाराज्य-गुजरातशहर-सूरतशिक्षा- एम ए प्राचीन इतिहासकार्यक्षेत्र-शिक्षणविधा – हास्य ,वीर रस ,शृंगार
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कलम उठाकर नमन मैं लिख दूँ वीरों के बलिदान को
जिसने अब तक जिंदा रक्खा है भारत की पहचान को!
गौरवशाली इस भूमि का मान बढ़ाया है जिसने
अपना शीश काटकर भी सम्मान बचाया है जिसने
जिसने अपनी जान गंवाकर लाज बचाई माटी की
प्राण न्यौछावर करके रक्षा की भारत के थाती की
जिसने आदर्श बना डाला दुनियाँ भर में सेना की शान को !!
कलम उठाकर नमन मैं लिख दूँ वीरों के बलिदान को….
दिन रात जो सरहद पर डटकर सीमा की रखवाली करते हैं
धूप , छाँव, सर्दी, गर्मी में भी आंह नही जो भरते हैं …
अपने कर्तव्यो की खातिर जो दर्द हजारों सहते है
शीश नवाकर नमन करूं उन वीरों के अभिमान को !!
कलम उठाकर नमन मैं लिख दूँ वीरों के बलिदान को ….
माँ की ममता बहन का प्यार भुलाकर
यारों की मस्ती और पिता का दुलार भुलाकर
गाँव की हरियाली औऱ अपनों का परवाह भुलाकर
जीते हैं जो वीराने में ये संसार भुलाकर
मन करता है आभार मैं लिख दूँ उनके त्याग महान को !!
कलम उठाकर नमन मैं लिख दूँ वीरों के बलिदान को !!
जिसने अब तक जिंदा रक्खा है भारत की पहचाना को!!
जय हिन्द जय हिन्द की सेना
Congratulations …..Jai hind jai bharat…..
Nice didi ,,
Itni acchi likhi hai Des ke sur viro ke liye ,,,
Aako dil se salam