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श्याम गगन मण्डल में जब हँसें सितारे।
एक दीप बालो प्रिय नाम का हमारे॥
मेंहदी के बूटे सब
सूखकर झरे,
घाव लगे जो दिल पर
हैं सभी हरे।
हर उत्सव पर मन बस यही तो पुकारे।
एक दीप बालो प्रिय नाम का हमारे॥
फीके पड़ गए चटक
चुनरी के रंग,
जीवन के पृष्ठ हुए
सारे बदरंग।
चूड़ी के टुकड़े हैं राह के अंगारे।
एक दीप बालो प्रिय नाम का हमारे॥
यादों के पंछी पर
तौल रहे हैं,
मन की अमराई में
बोल रहे हैं।
रात भरुं करवट जग जाऊँ भिनसारे।
एक दीप बालो प्रिय नाम का हमारे॥
#डॉ. रंजना वर्मा
परिचय : डॉ. रंजना वर्मा का जन्म १५ जनवरी १९५२ का है और आप फैज़ाबाद(उ.प्र.) के मुगलपुरा(हैदरगंज वार्ड) की मूल निवासी हैंl आप वर्तमान में पूना के हिन्जेवाड़ी स्थित मरुंजी विलेज( महाराष्ट्र)में आसीन हैंl आप लेखन में नवगीत अधिक रचती हैंl
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Fri Oct 27 , 2017
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