गुरव समाज की महिलाओ ने स्वदेशी अभियान के तहत घर पर बनाया हर्बल सेनेटाइजर।

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गुरव समाज की महिलाओं द्वारा घर पर ही हर्बल सेनेटाइजर बना कर उपयोग किया जा रहा है। अपने आसपास उपलब्ध बहुमूल्य निशुल्क साधनों से सबसे सस्ता, सुंदर और लाभदायक स्वदेशी स्वनिर्मित हर्बल सेनीटाईज़र बनाया जा रहा है। उन्हें यह प्रेणना प्रधानमंत्री जी के आत्मनिर्भर अभियान लोकल फ़ॉर वोकल से मिली जिसे पहले स्वंम और अब दूसरी महिलाओं को भी प्रेरित कर रही है। कोरोना महामारी में सेनेटाइजर का ज्यादा उपयोग किया जा रहा है। पर बाजार में मिलने वाले सत्तर प्रतिशत एल्कोहल वाले सेनिटाइजर के नियमित उपयोग से होने वाले दुष्प्रभावों और दुर्घटनाओं से बचने और सुरक्षित रहने के लिए हर्बल सेनेटाइजर अपनाया जा रहा है।
समाज मीडिया प्रभारी हेमन्त मोराने ने बताया कि गुरव समाज द्वारा यह मुहिम देवास की रहने वाली पतंजलि की योग शिक्षिका एवम समाज सेवी श्रीमती रितु सवनेर दीदी के द्वारा शुरू की गई जो देवास, बडवाह, खरगोन, इंदौर, सनावद की महिलाओं के बाद हरदा गुरव समाज की महिलाओं को हर्बल सेनेटाइजर बनाना सिखाया गया। जिसमे श्रीमती वर्षा भद्रावले, श्रीमती गौरी काले, श्रीमति अंगूरी भद्रावले, श्रीमती रीना मोराने, एवम अन्य ने स्वदेशी अभियान के तहत जागरुकता लाने में अपनी भूमिका निभाई जिसका औरों को भी प्रचार कर बनाने की विधि और सामग्री का प्रचार प्रसार कर प्रेरित करने में लगी हुई है। जिसे वह निःशुल्क वितरण भी कर रही है।
गुरव समाज हरदा की श्रीमती वर्षा भद्रावले ने बताया कि हर्बल सेनेटाइज बनाने में सामग्री नीम की पत्तियों, तुलसी की पत्तियां, तुलसी की पत्तियां ना होने की स्थिति में तुलसी की सूखी लकडी के टुकडे, फिटकरी, देशी कपूर, ग्लीसरीन की कुछ बंदें, एलोवीरा की पत्ती, पानी और कुछ बूंद सुगंधित तेल, का उपयोग किया जाता है। सुगन्धित तेल न भी हो तो चल सकता है।
इसे बनाने की विधि सामग्री – डेढ़ लीटर पानी, नीम की दो छोटी डाली की पत्तियां या नीम की पत्तियां, दस से बीस तुलसी की पत्तियां ,तुलसी की पत्तियां ना होने की स्थिति में तुलसी की सूखी दो तीन डंडी (लकडी) कूटी पीसी हुई, फिटकरी का एक छोटे नींबू के बराबर का टुकडा, देशी कपूर, दस ग्राम ,ग्लीसरीन दो छोटे चम्मच, सुगंधित तेल की कुछ बंदें अगर हों तो, आधी पत्ती एलोवीरा का गिर या एक पूरा चम्मच एलोवेरा जेल, इसे बनाने के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि सबसे पहले नीम की डाली को धोकर झटकलें और पत्तियों को डाली से अलग कर लें,, तत्पश्चात डेढ़ लीटर पानी में नीम की पत्तियां तुलसी की पत्तियां या कूटी हुई तुलसी की लकडी को डालकर तब तक उबालें जबतक पानी में नीम की पत्तियों का सत्व ना उतर जाए और पाव लीटर पानी कम ना हो जाए पाव लीटर पानी कम होने पर गैस बंद करके पानी ठंडा होने दें तथा ठंडा होते ही नीम तुलसी की पत्तियों को निचोडकर या छानकर अलग कर लें । अब कपूर और फिटकरी को बारीक पीसकर नीम के पानी में अच्छे से मिला लें और पुन: छानें । इसमें ऊपर से दो चम्मच ग्लीसरीन- एलोवेरा जेल या एलोवेरा पत्ती का गिर मेश किया हुआ और कुछ बूंद सुगंधित तेल की डाल दें।
हर्बल सेनीटाईज़र तैयार है। अगर आपके पास संतरे के छिलके उपलब्ध हैं तो उसे भी डाल सकते हैं सुगंध के लिए।
इसे बडी बॉटल में भरकर रख लें और उपयोग के लिए छोटी स्प्रे बॉटल या सबके पॉकेट में रखने के लिए छोटी बॉटल में आवश्यकता पडने पर निकाल कर उपयोग करें। एलोवेरा ,तेल और ग्लीसरीन हाथों में नमी बनाए रखने के लिए है, जो की अतिरिक्त सामग्री है। ना होने पर भी सेनीटाईज़र सुरक्षित रखने में पूर्णतः उपयोगी है। जिसे वह अपने घर में उपयोग कर रही है।
उन्होंने हर्बल सेनीटाईज़र के फायदे भी बताए पहला की सभी चीजें घरेलू और औषधीय गुणों वाली होने के कारण त्वचा को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं है। पूर्णतः शुद्ध होने के कारण पवित्र स्थलों पर भी लगाकर जा सकते हैं तथा पूजा पाठ कर सकते हैं। अल्कोहल ना मिला होने से आग नहीं पकडता। फिटकरी, नीम -तुलसी कीटाणु नाशक गुणों वाले होने के विशिष्टता के कारण हम इससे कीचन स्टैंड वगैरह भी साफ कर सकते हैं। सबसे बडा लाभ यह है की किसी प्रकार की हानि नहीं है।

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