हम तुझे देखकर मुस्कुराते हैं,
रातों में अक्सर गुनगुनाते हैंl
इश्क़ उनको नहीं अगर हम से,
फिर भला ख़्वाब में क्यूँ आते हैंl
दिल को पर्दे में भी लुभाते हैं,
तो वो चेहरा ही क्यूं छुपाते हैंl
पहले से ही घायल हूं मैं तो,
फिर क्यों वो अदाएं दिखाते हैंl
चाहते हैं हद से ज्यादा वो,
राज मुझसे मगर छिपाते हैंl
नहीं मिलती हो दूर रहती हो तुम,
तेरी तस्वीर से हम नैन लड़ाते हैंl
कभी जिनको थी कद्र मेरी,
वो मुझे अब क्यों रुलाते हैंl
चाहत में मेरी कोई कमी तो नहीं,
क्यों भला हमें रोज़ आज़माते हैंl
कतरा हो जाऊंगा एक पल में,
मुझे वो क्यों इतना तड़पाते हैंl
उनसे क्या गिला करना `अरमान`,
गुजरी बातों को अब भुलाते हैंl
#प्रवीण गहलोत(अरमान बाबू)
परिचय : प्रवीण गहलोत राजस्थान के जोधपुर से हैं l आप लेखन में उपनाम-अरमान बाबू लिखते हैंl हिन्दी के साथ ही उर्दू में भी रचना लिखते हैंl आपकी रुचि कविता,नज़्म,गीत और ग़ज़ल लेखन में हैl