पीछा छुड़ाने लगे हैं

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lalit sinh

मन्दिरों में अब रोज जाने लगे हैं,
भगवान में विश्वास जताने लगे हैंl 

मिल जाओ अगर तुम मस्जिद में,
इसलिए अजान सीखकर आने लगे हैंl 

सुना है गुरुद्वारे में मत्था टेकती हो तुम,
इसलिए गुरूग्रंथ साहिब उठाने लगे हैंl 

करती हो प्रार्थना तुम चर्च में रविवार को,
इसीलिए हम भी कैन्डिल जलाने लगे हैंl 

अपना बनाओगी ‘ललित’ को कभी तुम,
इस आस में पीछा सबसे छुड़ाने लगे हैंll 

                                                             #ललित सिंह

परिचय :ललित सिंह रायबरेली (उत्तरप्रदेश) में रहते हैं l आप वर्तमान में बीएससी में पढ़ने के साथ ही लेखन भी कर रहे हैंl  आपको श्रृंगार विधा में लिखना अधिक पसंद है l स्थानीय पत्रिकाओं में आपकी कुछ रचना छपी है l 

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