सावन में बिन बूंदों के बादल अच्छे नहीं लगते होश वाले हो जाएँ पागल अच्छे नहीं लगते सजनी के लहराते आँचल अच्छे नहीं लगते साजन बिन चूड़ी-कंगन-काजल अच्छे नहीं लगते अट्टालिकाओं को जाने क्यों हम तुम जान समझ बैठे बिन संवादों के घर-आँगन अच्छे नहीं लगते #पवन गहलोत (रोहतक, हरियाणा)  […]

दुनिया की उलझन में पड़कर, सब ताने बाने बदल गये हम तो वैसे के वैसे रहे, पर दोस्त पुराने बदल गये। ये बात नही परिवर्तन की, ये तो सब समय का झोंका है बस मौत ही सच्चा साथी है, ये जीवन बस इक धोखा है।। इक सुख पाने की चाहत […]

खंजर का कोई मज़हब नहीं‌ होता भारत माता आज युवा से प्रोढ़ता की ओर है। दर्द के हिलोरे आज भी पुरु जोर है देश का जर्रा जर्रा तेरा एहसान मंद है चाह कर भी दर्द तेरा बाँट सकते हम नहीं इस जहाँ में तुझको दर्द देने वाले माँ कम नहीं […]

उड़ के बिखरुं तेरे चेहरे पे गुबार की तरह, छा जाऊँगी तुझ पे मैं खुमार की तरहl  अँधेरा ही अँधेरा है रोशन कर मुझे कभी, मैं भी श्रृंगार करूं दीवाली में बाजार की तरहll    तुझे पाकर रहूँ मैं मुमताज़ की तरह, तोड़ लूंगी तुझे मैं नर्गिस-ए-नाज की तरहl    […]

हम तुझे देखकर मुस्कुराते हैं, रातों में अक्सर गुनगुनाते हैंl इश्क़ उनको नहीं अगर हम से, फिर भला ख़्वाब में क्यूँ आते हैंl दिल को पर्दे में भी लुभाते हैं, तो वो चेहरा ही क्यूं छुपाते हैंl पहले से ही घायल हूं मैं तो, फिर क्यों वो अदाएं दिखाते हैंl […]

तेरी नशीली आँखों को शराब लिखूंl पुराने खतों को महकता गुलाब लिखूंll झुका दे अपनी पलकें मेरी बांहों में। आ मेरी हर साँस तुम्हारे नाम लिखूंll मेरी रुह में उतरकर कर दे मुझ पर इनायत। बअंदाज दैर में बैठ के तुझे महताब लिखूंll मेरे दिल की हर कु में है […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।