अमर प्रेम

0 0
Read Time1 Minute, 39 Second

shubha
अनुपम है चिर नूतन न्यारा।
अमिट अमर प्रिय! प्रेम हमारा॥

रुदन हासमय गंध लिए मन,
दुर्गम पथ का कर अभिनन्दन।
मखत्राता मृत्युंजय बनकर,
कालवलय से लड़ता तनकर॥
कर विजित समर जीवन सारा।
रणबाँकुरा सुकोमल प्यारा॥

अनुपम है चिर नूतन न्यारा।
अमिट अमर प्रिय! प्रेम हमारा॥

त्रयताप नहीं मन की थाती,
न हुई मुमूर्ष जीवन-बाती।
निनादित हो गोधूलि बेला,
ज्यों पतझड़ भी हो अलबेला॥
दुखमय जीवन हँस स्वीकारा।
ऋतुराज अचम्भित है हारा॥

अनुपम है चिर नूतन न्यारा।
अमिट अमर प्रिय! प्रेम हमारा॥

स्वप्न बुनेंगी अभिलाषाएँ,
स्वयंवरा हैं जिजीविषाएँ।
अतीत अत्याज्य अलौकिक है,
सदा अनागत ही मौलिक है॥
स्वयंसिद्ध अविरल जलधारा।
है ऐसा ही प्रेम हमारा॥

अनुपम है चिर नूतन न्यारा।
अमिट अमर प्रिय! प्रेम हमारा॥

इक प्राण ,सखे ! हैं दो तन में,
अन्य नहीं कोई चिन्तन में।
तुम हो तो तन है इस जग में,
झंझा दुर्दिन हैं सब पग में॥
हिय-दृग ने बस तुम्हें निहारा।
‘अधर’ खिले पा साथ सहारा॥

अनुपम है चिर नूतन न्यारा।
अमिट अमर प्रिय! प्रेम हमारा॥

           #शुभा शुक्ला मिश्रा ‘अधर’

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

हमारे सपने

Tue Sep 19 , 2017
हारते हम नहीं, हारते हैं हमारे सपने। हम क्यूँ देते, इतनी अहमियत, अपने सपनों को। सपने सच नहीं, सच है ये , इक, मृगतृष्णा, इक भँवर। और, उस भँवर में, फँसे हम, न जाने किस राह निकल पड़ते ?? सपने रोज़ बदलते, अपना रंग-रुप इक बहुरुपिए की तरह। न कोई […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।