आजकल 

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niraj gair
जानकर तेरा पता खुद लापता हूँ आजकल,
स्वप्न आँखों में बहुत,सो जागता हूँ आजकल।
लाख मंजिल पा के भी फिर लौट घर ही आना है,
पीछे रह जाने के डर से भागता हूँ आजकल।
मंदिरों-न मस्जिदों से अर्थ है आवाम का,
बेचना अखबार है,दंगे छापता हूँ आजकल।
मिलन-फागुन-चूड़ी-कंगन पर सभी कहते मगर,
सूनी मांगों पर ग़ज़ल हो,चाहता हूँ आजकल।
नाज़ुकी दिल की मेरे,सब अपनों को मालूम है,
इसलिए अब ‘गैर’ से मैं राबता हूँ आजकल॥

                                                           #नीरज त्रिपाठी गैर

परिचय : उ.प्र. के गोण्डा निवासी नीरज त्रिपाठी ‘गैर’ का काव्य जीवन छोटा है,पर इनके गुरु दिनेश त्रिपाठी ‘शम्स’ के मार्गदर्शन में अच्छी लेखनी जारी है। यह सौ से अधिक मुक्तक श्रृंखला, गीत,ग़ज़ल,कविता,मुक्त कविता और कहानियों को रच चुके हैं। कुछ रचनाएं पत्रिकाओं में छपी भी हैं। खास बात यह है कि,वायुसेना में रहकर मातृभूमि की सेवा कर रहे हैं।

matruadmin

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4 thoughts on “आजकल 

  1. नीरज की इस बेहतरीन ग़ज़ल के लिए साधुवाद । नीरज संभावनाओं से भरे रचनाकार हैं ।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।