करते है रक्षा अपनी और अपने लिए ही मरते हैं। अपनों के सुख-दुख के खातिर वो सीमा पर लड़ते हैं।। जान भले चले जाये लेकिन, आन-बान और शान रहे। मतलब नहीं दुनियादारी से ,जिंदा हिंदुस्तान रहे।। माँ-बेटी और पत्नी-बहन को छोड़ के ये चले आते है। देश की रक्षा के […]

न जाने कहाँ खो गया वह प्यारा चांद का टुकड़ा, जिसे मैं दिन और रात अपलक निहारता रहता था! जिसके बिना मुझे नहीं मिलता था सुकून एक पल का। आज मुझे फीका-फीका सा लग रहा है चांद भी। और धीरे-धीरे घट रहा है अमावस की तरह और लगता है कि […]

जी हाँ मित्रों! नेतृत्व करना एक ख़ास कला है ,जो सामान्य व्यक्तित्व के अन्दर नहीं होती। श्रेष्ठतम लीडर वही बन पाता है ,जो लोगों के दिलों पर राज करता है  और जिसकी personality को हर कोई स्वीकारता है। ऐसे व्यक्ति के साथ काम करने वाले लोग अपना सब कुछ उस पर […]

होली का त्योहार निराला है है भैया। हर एक रंग की शान निराली है भैया।। 1. लाल रंग खतरे का सूचक, हरा रंग हरियाली का। केसरिया है त्याग शौर्य का, श्वेत रंग खुशहाली का।। आपसी भेदभाव भुलाकर, प्रेम करो तुम सब भैया..।। …… होली का त्योहार 2. होली के दिन […]

पुलवामा हमले में शहीद हुए हमारे भारतीय शेरों को अश्रुपूरित विनम्र श्रद्धांजलि आतंकी हमले की निंदा करके ये रह जाएंगे। और शहीदों की अर्थी पर पुष्प चढ़ाकर आएंगे।। इससे ज्यादा कुछ नहीं करते ये भारत के नेता हैं। आज देश का बच्चा-बच्चा इन को गाली देता है।। सीमा पार से […]

अब जनता जाग चुकी है नेता सो गए। क्योंकि नेता अपने पुराने वादों को धो गए।। जनता मांग रही है 5 साल का हिसाब नेता से। और नेता कर रहे हैं 5 साल के वादे जनता से।। राजनीति बंद करो सैनिक के अपमान की। करनी है तो बात करो जनता […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।