बहादुरगढ़ |
`हिन्दी दिवस` के अवसर पर ‘आजादी के ७० वर्ष और हिन्दी की दशा’ विषय पर दिल्ली में विचार गोष्ठी कार्यक्रम किया गया। इसमें करुणेश वर्मा ‘जिज्ञासु’ ने हिन्दी भाषा की प्रासंगिकता,प्रमाणिकता और वैज्ञानिकता है अद्वितीय बताया तो स्वयंसेवी संस्था ‘स्नेह’ की दिल्ली प्रदेश संयोजिका ने अपने ओजस्वी शब्दों में हिंदी के बारे में चर्चा कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया।
हिन्दी दिवस (१४ सितम्बर) के अवसर पर बहादुरगढ़(हरियाणा) में स्थानीय फस्ब् एकेडमी के प्रांगण में इस गोष्ठी कार्यक्रम को रखा गया। मुख्य अतिथि श्रीमती शीला राठी(चेयरपर्सन,नगर परिषद-बहादुरगढ़) ने अपने अभिभाषण में युवाओं का आह्वान करते हुए उन्हें हिन्दी को पूर्ण सम्मान देने की बात कही। मुख्य वक्ता पुष्पवाटिका परिवार के सदस्य व पुष्पवाटिका पत्रिका के साहित्यिक सम्पादक करुणेश वर्मा ‘जिज्ञासु’ ने हिन्दी भाषा की प्रासंगिकता,प्रमाणिकता और वैज्ञानिकता की बात रखी। हम सबको हिन्दी के प्रबल समर्थक बनना चाहिए। हमें आज उन रचनाकारों, साहित्यकारों एवं कवियों के बारे में सोचना चाहिए जिन्होंने अमूल्य सेवा कर हिन्दी साहित्य के भंडार को समृद्ध करने का प्रयास किया है।
स्वयंसेवी संस्था ‘स्नेह’ की दिल्ली प्रदेश संयोजिका तथा पत्रकारिता की छात्रा सुश्री आकांक्षा आनन्द ने बेहद ओजस्वी शब्दों में हिंदी के प्रति अपने समर्पण और जज्बात को व्यक्त किया। वक्ता श्रीमती मंजू(बहादुरगढ़) ने अपनी ओजस्वी कविता पाठ से समा बांधा।
संचालन एकेडमी के प्रमुख सुधीर भारद्वाज ने कियाl बड़ी संख्या में एकेडमी के छात्र-छात्राओं के साथ स्थानीय गणमान्य नागरिकों ने भी कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।