सपनों का भारत

0 0
Read Time1 Minute, 32 Second
surendra aagi
नहीं रोती है आँखें अब,
किसी के बुझे चुल्हे पे
भूख से तड़पते बच्चों पर,
नहीं आता है रहम किसी कोl 
 
नशे में डगमगाते युवाओं के कदम,
नहीं जाता है ध्यान किसी का
बेटे की याद में बिताते पल पर,
टूटती सांसों की डोर परl 
 
नहीं थामता हाथ वृद्धजनों का,
बेटियों की लुटती अस्मत पर
नहीं उबलता खून किसी का,
सरहद पर कटते सिरों काl 
 
नहीं मांगता हिसाब कोई,
गद्दारों की जहरभरी बातों पर
नहीं रोष दिखाता है कोई,
सब मस्त हैं अपने-आप में
चापलूसी के मंत्रजाप मेंl 
 
ये तो नहीं था मेरे, 
सपनों  का  भारत
मेरे बापू का भारत,
मेरे राम काभारत
मेरे कृष्ण का भारतl 
 
मैं मन ही मन सोच रहा हूं, 
ऐ मेरे सपनों के भारत
तुझे मैं ढूंढ रहा हूंll 
                                                        #सुरेन्द्र अग्निहोत्री ‘आगी’
परिचय: सुरेन्द्र अग्निहोत्री ‘आगी’ ने बी.काम.और डी.एड. के साथ ही  एम.ए(हिन्दी तथा इतिहास) भी किया है। १९६२ में ६ जुलाई को जन्मे और पढ़ाई के बाद शिक्षक बने। आप छत्तीसगढ़ के जिला महासमुन्द में निवास करते हैं। छत्तीसगढ़ी और हिन्दी भाषा में आपकी २ किताब शीघ्र ही छपकर आने वाली हैं।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

इंसान बिकता है...

Thu Sep 14 , 2017
सच्चे इंसान को झूठा साबित किया जाता है… और हर झूठा आदमी लोगों को सच्चा इंसान दिखता है, कुछ नहीं हो सकता इस देश का… यहां पैसों में हर एक इंसान बिकता है…ll हक छीने जाते हैं यहां गरीब किसानों के… और भ्रष्टाचारी ही यहां सबसे ज्यादा अमीर इंसान दिखता […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।