नहीं रोती है आँखें अब, किसी के बुझे चुल्हे पे भूख से तड़पते बच्चों पर, नहीं आता है रहम किसी कोl    नशे में डगमगाते युवाओं के कदम, नहीं जाता है ध्यान किसी का बेटे की याद में बिताते पल पर, टूटती सांसों की डोर परl    नहीं थामता हाथ […]

है तीन तलाक असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया। दकियानुसी कठमुल्लाओं के, मुंह पर खींच तमाचा जड़ दिया॥ इस्लाम की धौंस दिखाकर, महिलाओं पर अत्याचार किया। जो सब कुछ लुटाया था तुम पर, उनको ही बेघरबार किया॥ और हलाला का हवाला देकर, उनको जलील तुम करते थे। शरीयत को ढाल […]

कि अब नहीं उड़ती धूल मेरी गली में, नहीं गूंजता बच्चों का शोर मेरी गली में। न कोई कुल्फी वाला,और न चाट वाला, अब कोई नहीं आता जादू दिखाने वाला। अब नहीं खेलते बच्चे रेस टीप गिल्ली, डंडा भौंरा बॉटी, अब नहीं दिखते बच्चे लोटते धूल में और लपेटे माटी। […]

‘जीएसटी’ का मतलब समझो, समझ भी लो कर्तव्य हमारा। व्यापारियों चिंता मत करना, जन-जन से कर देश हमारा॥ न छूट जाए कोई भी हमारा, भारत वर्ष है सबको प्यारा। चलो बढ़ाओ हाथ मिलकर, यही राष्ट्र का उत्तम नारा॥ मजबूत बनाओ भारत प्यारा, हो दुनिया में सबसे न्यारा। अमीर-गरीब सभी कर […]

भाई आप, छत्तीसगढ़िया लगते हैं! जबाब मिला, हाँ,हम छत्तीसगढ़िया हैं। लम्बे समय से, यहीं राजस्थान में हैं। छत्तीसगढ़ से, जयपुर में कमाने खाने हैं॥ हमने कहा भाई, वहां तो बहुत बड़े काम हैं। और वहां पर, बहुत बड़ी फैक्ट्रियां है। तो भी यहां, आखिर क्या कारण है। उसने कहा, शोषण […]

हमें हमारे कुत्ते से बहुत प्यार है, क्योंकि हमारा कुत्ता बहुत वफादार है। हम उस कुत्ते के मालिक हैं,इस बात का हमें नाज़ है, क्योंकि हमारे कुत्ते के सिर में कुत्तों के सरदारों का ताज है। उसकी कुत्तानियत और कुत्तत्व के मोहल्ला, पड़ोस और देश में बात होने लगी, फिर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।