Read Time2 Minute, 34 Second
रहनुमा मुल्क के अच्छे जब से आने लगे,
अच्छे दिन आने लगे बुरे दिन भूलने लगे।
बरसों से पड़े थे जो कचरों के ढेर यहाँ,
स्वच्छ अब हर गांव और शहर दिखने लगे।
भ्रष्टाचार मिट गया फैला ईमान का उजाला,
हर जगह पारदर्शिता के आईने दिखने लगे।
रामराज की बातें सुनी थी कभी हमने,
आज मगर असल में रामराज दिखने लगे।
सियासत में केवल कर्मनिष्ठ ही रहेंगे,
जनता की बात पर खरे उतरने लगे।
हर और नव उल्लास और उमंग है दोस्तों,
युवाओं में देशसेवा के जज्बे दिखने लगे।
योजनाएं देश हित बनने लगी सरल-सी,
आम जनता को फिर लाभ मिलने लगे।
विकास के आयाम छू रहा है देश अब,
विश्व में भारत की लोग जय-जय करने लगे।
हिन्दी का प्रचार खुद प्रधान सेवक ने किया,
विदेशी भी हिन्दी में बात करने लगे।
योग ने लोगों को निरोग करना शुरू किया,
दवाइयों के खर्चे घर-घर अब बचने लगे।
ग्राम के विकास पर ध्यान सारा केन्द्रित है,
लगता है कलाम के सपनों को साकार करने लगे।
गर्व से कहो भारत की संस्कृति महान है,
पुरोहित लेखनी से गीत लिखने लगे॥
#राजेश कुमार शर्मा ‘पुरोहित’
परिचय: राजेश कुमार शर्मा ‘पुरोहित’ की जन्मतिथि-५ अगस्त १९७० तथा जन्म स्थान-ओसाव(जिला झालावाड़) है। आप राज्य राजस्थान के भवानीमंडी शहर में रहते हैं। हिन्दी में स्नातकोत्तर किया है और पेशे से शिक्षक(सूलिया)हैं। विधा-गद्य व पद्य दोनों ही है। प्रकाशन में काव्य संकलन आपके नाम है तो,करीब ५० से अधिक साहित्यिक संस्थाओं द्वारा आपको सम्मानित किया जा चुका है। अन्य उपलब्धियों में नशा मुक्ति,जीवदया, पशु कल्याण पखवाड़ों का आयोजन, शाकाहार का प्रचार करने के साथ ही सैकड़ों लोगों को नशामुक्त किया है। आपकी कलम का उद्देश्य-देशसेवा,समाज सुधार तथा सरकारी योजनाओं का प्रचार करना है।
Post Views:
635