गीत तुम्हारे लिए 

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sarita singhai
सुनो !
ये गीत तुम्हारे लिए है
मेरे मन के हर भाव में,
मैं तुम्हें हूँ पाती।
दीपशिखा की भाँति॥
और जलती हूँ,
जैसे प्रेम जोत की बाती॥
सुनो !!
पाया है तुम्हें मन के हर
अंधेरे कोने में,
कहीं चुपके-चुपके
घुटते रोने में,
पीड़ा बन जाते हो कभी मन की
और विरह की।
तड़प उठती हूँँ मैं
प्रेम अगन में
जैसे पूनम चांदा की राती॥
सुनो!
तुम नहीं जान सकते
मेरे नेह को!
मन में भरे पावन गेह को
वक्त लगेगा,क्योंकिं इस प्रेम परिधि को छूने के लिए करनी होगी, एक तपस्या
अनंत ब्रम्हांड,के उस ओंकार नाद से पानी होगी,
एक अथाह गहरी साँस उच्छवास
जो निरंतर है आती और जाती॥
सुनो!
पाना चाहोगे मुझे,
है इच्छाशक्ति ,तुम में या
बस यूँ पौरुष बल के धारी हो,
जो सोचते हो ,और एक गहरी श्वांस छोड़ देते हो,
मैं हूँ आभा मंडल में घूमती
वो तेजोर्मयी ज्योति,
जिसकी अग्नि तीव्र होती ,
बस पाने की इच्छा है भरमाती
जैसे बारिश की बूंदें संग इंद्रधनुष सुहाती॥
पर पास कभी न आती॥
                                                                  #सरिता सिंघई ‘कोहिनूर’ 
परिचय : श्रीमति सरिता सिंघई का उपनाम ‘कोहिनूर’ है। आपका उद्देश्य माँ शारदा की सेवा के ज़रिए राष्ट्र जन में चेतना का प्रसार करना है।उपलब्धि यही है कि,राष्ट्रीय मंच से काव्यपाठ किया है। शिक्षा एम.ए.(राजनीति शास्त्र) है। वर्तमान में मध्यप्रदेश के वारासिवनी बालाघाट में निवास है। जन्म स्थान नरसिंहपुर है। गीत,गज़ल,गीतिका,मुक्तक,दोहा,रोला,सोरठा,रुबाई,सवैया,चौपाईयाँ,कुंडलियाँ ,समस्त छंद,हाइकू,महिया सहित कहानी ,लेख,संस्मरण आदि लगभग समस्त साहित्य विद्या में आप लिखती हैं और कई प्रकाशित भी हैं। आपकी रूचि गायन के साथ ही लेखन,राजनीति, समाजसेवा, वाहन चालन,दुनिया को हंसाना,जी भर के खुद जीना,भारत में चल रही कुव्यवस्थाओं के प्रति चिंतन कर सार्थक दिशा देने में है। पूर्व पार्षद होने के नाते अब भी भाजापा में नगर मंत्री पद पर सक्रिय हैं। अन्य सामाजिक और साहित्यिक संगठनों से भी जुड़ी हुई हैं।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।