मातृ भाषा है हिन्दी मेरी, मेरे भारत का अभिमान। बावन अक्षर इसमें प्यारे, करते है हम सब सम्मान।। बारह खड़ी कि अद्भुत रचना, क से ज्ञ तक व्यंजन जान। स्वर की महिमा बड़ी अनोखी, प्राकृत का होता है ज्ञान।। स्वर व्यंजन व व्याकरण मिलके, बनते है फिर छंद महान। गीत […]

           वर्तमान में सोशल मीडिया , अंतरजाल  में सबसे अधिक प्रचलन में  WHATSAPP  ‘ व्हाट्सएप्प ‘ हो गया है। सुबह होने से देर रात तक लोगबाग इसमें व्यस्त दिखाई दे रहे हैं। घर परिवार हो या कार्यालय लोगबाग बारम्बार यह एप्प खोल – खोलकर देखा करते […]

*माँ की लोरी सुन सभी ,पल भर में सो जाय।* *देख सुनहरे स्वप्न को,मंद मंद मुस्काय।।* *माँ की ममता से मिली,हमको ये सौगात।* *दिन तो सोना हो गये,चाँदी हो गइ रात।।* *बिन माँ के बच्चे सभी,पाते दुख की खान।* *ममता के आँचल तले,मिलता सकल जहान।।* *माँ ने दुख को झेल […]

घर आंगन को जो महकाये, बिटिया प्यारी रानी है। बाबुल के बगियाँ की तितली, मंमी की दीवानी है।। ठुमक ठुमक कर वो चलती है, मन की वो मतवाली है। बेटी है तो दीपक जलते, घर में रोज दिवाली है।। घर आंगन को सजा सँवारे, खुशबू से महकाती है। पूजा की […]

  दिखता नहीं भीड़ में कोई शत्रु खाली हो पेट विपत्ती आयी घर बदले मित्र सूखी अपेक्षा भंवरें जुड़े दलबल सहित सन्नाटा चिरा बिना उजाले अंधियारा प्रबल कायम आशा गर्म शीतल प्रकृति का स्वभाव पवन कहे चौखट गिरी घर -घर की रीत दीवार उंठी लौटेगा वह समझ आने पर अपेक्षा […]

सुनो ! ये गीत तुम्हारे लिए है मेरे मन के हर भाव में, मैं तुम्हें हूँ पाती। दीपशिखा की भाँति॥ और जलती हूँ, जैसे प्रेम जोत की बाती॥ सुनो !! पाया है तुम्हें मन के हर अंधेरे कोने में, कहीं चुपके-चुपके घुटते रोने में, पीड़ा बन जाते हो कभी मन […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।