नारी सम्मान

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aarti jain
हर दिन नारी की इज्जत से ‘खेला’
जाता है,
कभी शब्दों से तो,कभी हाथों से
नारी को ‘मैला’ किया जाता है।
अपमान के घूँट को पीना नारी का
‘फर्ज’ माना जाता है,
मान तो पुरूषों के हिस्से में आता है..
नारी को तो आज भी एक ‘कर्ज’
माना जाता है।
ऐसे ही हुआ अपमान नारी का तो नारी भी तुम्हारे ‘लाल को माल’ बोलेगी l
जैसे तुम ‘साली को आधी घर वाली’ बोलते हो,वैसे वो ‘देवर को वर बोलेगी।
मत भूल ए पुरुष तू अपनी मर्यादा को वरना, नारी रुपी नदी में वो ‘बाढ़’ आएगी,जिसमें ये पूरी ‘सदी डूबेगी।’
नारी ‘ममता’ है तो तुम भी रखो
थोड़ी ‘क्षमता’,
याद रखना नारी को ‘सम्मान’ दोगे
तो ‘मान’ मिलेगा।
बस नारी की है यही ‘कहानी’,
मत आने दो कभी उसकी आँख में ‘पानी’।
भले मत बनाओ उसे ‘रानी’ किंतु
उसके लिए उपयोग करो ‘मीठी वाणी।’
नारी हूँ, इसलिए नारी के लिए
लिख रही हूँ,
पसंद आए तो जीवन में  उतारना,
जो व्यथा कह रही हूँ॥
                                                                               #आरती जैन
परिचय:  आरती जैन राजस्थान राज्य के डूंगरपुर में रहती है। आपने अंग्रेजी साहित्य में एमए और बीएड भी किया हुआ है। लेखन का उद्देश्य सामाजिक बुराई दूर करना है।

matruadmin

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