1

 खोलती हूँ रोज़ अपनी चाहत की किताब और पढती हूँ दिल के पन्नों  पे धड़कते तुम्हारे नाम को । उन पन्नों में कर रखे हैं रेखांकित मैंने एहसास के उन कोमल शब्दों को जिनके भावार्थ बहुत गहरे हैं । चिन्हित कर रखे हैं उन तारीखों को भी जिनमें क़ैद हैं […]

आँखे थकती है फिर भी जगती है एक उम्मीद ही मेरे साथ संघर्ष करती है दुनिया केवल हर्ष में हिस्सा मांगती है उम्मीद ही केवल संघर्ष मे साथ निभाती है आंसू भी मुस्कान बनते जब उम्मीद साथ रहती है रुके कदम बढ़ जाते जब उम्मीद की धारा बहती है तानो […]

शब्दों में कैसे बयां करुं, एक सैनिक का दर्द परिवार से पहले देश के लिए निभाता फर्जl अपनों के लिए नहीं मौका, मिलता करने का अर्ज लेकिन,क्यूँ सैनिक ही पूरा करता देश के लिए कर्जl नेता क्यूँ नहीं होता,  देश का असली मर्द नेता चुनाव में ही  अनाथ के साथ सोता […]

1

  कितने प्यारे हैं  ये जानवर, जिसे करते हैं प्यार उस पे देते ,जान वार। ये मनुष्यों को भी देते हैं  प्रेम से जीने का, शार, कोई मजहब नहीं है इनका और न कभी सियासी दांव-पेंच में करते एक-दूसरे पे ,प्रहार। कभी बलि, तो कभी कुर्बानी के नाम पे मारते […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।