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बगल में पाक चीन,धरकर वेष मीन,
पाने को है सियाचीन,आज आर-पार हो।
राष्ट्र शांति वार्ता छोड़,ड्रैगन के शीश फोड़,
अस्त्र-शस्त्र सैन्य जोड़,वैरी तार-तार हो।
भारती की है पुकार,हृदय में ले हुंकार,
करे सब जयकार,नस-नस ज्वार हो।
राष्ट्रभक्त कविगण,कर चेतना सृजन,
दिनकर भान बन ,शब्द-शब्द सार हो॥
#श्रीमन्नारायण चारी ‘विराट’
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