कुछ मैं कुछ तुम दिल पट खोले कुछ हद पार करेंगे। नदी नीर प्लावित पल्लव से संगम पथ अपनाती सागर भी लहरों से उठता क्योंकि नदी तरसाती पाट दिलों का मेट के अभी ऐसा    ज्वार  भरेंगे कुछ हद पार करेंगे। ओस छटा सी पावन, मन में खिलना है ऋतु […]

कहाँ गये सब छोड़ के इसे आज अकेला बंजर है । ना कोई पंछी है साथी ना गगन में घन बरसाती । दुर्बलता से सहता है नित, आज हृदय में थर थर है। अब बसंत की बात कहाँ बाजों से बरबाद जहाँ तितर- भीतर होगये   पंछी देख अजब सा मंज़र […]

पाय  लागु  कहते  हैं,  डांट – बाट सहते हैं दया  से  करोगे    मत  , आप  पछताओगे। शिशु को  सँवारते हैं, बालों को  निहारते हैं नाख पोंछ  दृश्य  देख  , आप  बहजाओगे। आपसे वे लेते सेल्फी,मुँह में लगा के कुल्फी ठण्ड  करवाने  से  ही, आग  भूल  पाओगे। नोट पांच सौ […]

मनमोहन  मौनी  रहे,मोदी  में  प्रतिशोध, प्रथम  देश अरु धर्म  है,करते  वो संबोध करते वो  संबोध,घूस  न  कोई  कमाए, कभी  न  होवे न्यून,विश्व  में पांव जमाए कह ‘विराट’ कविराय,बनें हम शक्तिमान जन, रोजगार हर हाथ,तभी हर्षित होगा मन॥                           […]

विरह हृदय पर नयन पसारो॥ श्यामल अंबर वृंदावन है,आओ कुंज  विहारो। कंचन तन अरु मन मधुवन है,आकर  मोहिं निहारो। सकल जगत निष्प्राण हुआ ज्यों,उर जड़ता को हारो। राधा हूँ,पिय अंतर्मन की,इव दुख बोझ उतारो। मधुर मिलन को मैं हूँ प्यासी,अब तो आप पधारो॥     #श्रीमन्नारायणाचार्य ‘विराट’ Post Views: 572

घर का भेदी खोल के,नंगा बैठा न्याय, गीदड़ बग्गी,भेड़िया,नोंच-नोंच अब खाय नोंच-नोंच अब खाय,लिए दानवता मन से, मन का ये उदगार,उगलते जहर वमन से देखें दृश्य ‘विराट’,काँपता है तन थर-थर, सबल बनाएं देश,टूटने दें मत यह घर॥                      #श्रीमन्नारायणाचार्य ‘विराट’ Post […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।