मोहब्बत

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pritam meghawal
महंगी पड़ गई तुम्हारी मोहब्बत हमें,
कुछ लिया भी नहीं और सब कुछ दे दियाl
वैसे इतना भी बुरा नहीं था ये सौदा,
हमको भी तो मिला रातभर आँख खुली रखने का काम
आँख मींच के भी न सोने का काम,
बिना तुम्हारी इजाज़त के तुम्हें याद करने का काम ll
सस्ती पड़ गई हमें याद तुम्हारी,
जब चाहे तब मिली है, मुफ़्त मेंl
वैसे इतना भी सस्ता नहीं था सौदा,
तुम्हें मिलने से पहले खुद को संभालना होता है
लड़खड़ाते हुए भी प्यार निभाना होता है,
कमबख्त उसी वक़्त तुम्हें भी ओझल होना होता है ll
महंगी पड़ गई  तुम्हारी मोहब्बत हमें,
कुछ लिया भी नहीं और सब कुछ दे दिया ll
                                                                                 #प्रीतम मेघवाल
परिचय: प्रीतम मेघवाल डुंगरपुर ज़िला के मूलतः गाँव कोलखण्डा(राजस्थान) में रहते हैं। मातृभाषा से प्रेम के कारण कविता एवं शायरी लिखने का शौक है।

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