#विवेक चौहान
परिचय : विवेक चौहान का जन्म १९९४ में बाजपुर का है। आपकी शिक्षा डिप्लोमा इन मैकेनिकल है और प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी में नेपाल में ही कार्यरत हैं। बतौर सम्मान आपको साहित्य श्री,साहित्य गौरव,बालकृष्ण शर्मा बालेन्दु सम्मान सहित अन्य सम्मान भी मिले हैं। आपके सांझा काव्य संग्रह-साहित्य दर्पण,मन की बात,उत्कर्ष की ओर एवं उत्कर्ष काव्य संग्रह आदि हैं। आप मूल रुप से उत्तराखंड के शहर रूद्रपुर(जिला ऊधमसिंह नगर) में आ बसे हैं।
Read Time1 Minute, 9 Second
तुम्ही तो हो ग़ज़ल मेरी,तुम्हीं मेरा तराना हो।
तुम्हीं हो छंद की बरखा,तुम्हीं मौसम सुहाना हो॥
तुम्हारे ही लिए हमने,लिखी है प्यार की बातें।
तुम्हीं मेरी मुहब्बत हो,तुम्हीं मेरा ठिकाना हो॥
Average Rating
5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%
2 thoughts on “तुम्हीं हो”
Leave a Reply Cancel reply
पसंदीदा साहित्य
-
February 13, 2021
जीवन आधार
-
October 21, 2020
मोदी जी का कोरोना से संबधित संदेश
-
April 13, 2020
नदी के दो किनारे,कभी हम साथ मिलते नहीं
-
August 22, 2018
आज की गज़ल….
-
April 17, 2020
पति पत्नि क सम्बन्ध
I enjoy the report
I spent a great deal of time to locate something similar to this