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आओ मिलकर एक मिशन चलाएं,
बेटी बचाएं बेटी पढ़ाएं।
बेटी दो कुलों की लाज होती है,
आधी आबादी होते हुए पूर्ण
समाज होती है।
बेटे तो साथ रहकर कर्तव्य
निभा लेते,
बेटियां दूर रहकर भी माँ-बाप
के सिर का ताज होती है।
इनको भ्रूण हत्या से बचाएँ,
बेटी बचाएँ, बेटी पढ़ाएं॥
#नेत्रपाल राघव
परिचय : नेत्रपाल राघव सामाजिक दिक्कतों पर अधिक लिखते हैं। इनका निवास जहांगीरपुर मांट मथुरा वृन्दावन में है। वर्तमान में हिन्दी भाषा में स्नातक की पढ़ाई जारी है। किसान के बेटे नेत्रपाल वीर व करुण रस में कविता रचते हैं। लेखन के लिए वाराणसी से दो बार सम्मान मिला है। कुछ सामाजिक संस्थाओं से जुड़े हुए हैं।
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Tue Jul 11 , 2017
कमोबेश यह स्थिति भारत की सभी भाषाओं की है। यदि हम अपनी भाषाएं ही न बचा पाए तो,भारतीय धर्म- संस्कृति,ज्ञान-विज्ञान,बौद्धिक-संपदा व आध्यात्म ही नहीं,भारतीयता को बचाना भी असंभव है। जब हम भारत की भाषाओं और भारतीयता से दूर होंगे तो,आने वाली पीढ़ियों में भारत के प्रति प्रेम यानी राष्ट्रप्रेम कैसे बचेगा? […]