वर्ष 2021 का हिन्दी गौरव अलंकरण श्री पंत व डॉ. दवे को

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इंदौर । सर्वाधिक हिन्दी प्रेमियों से सुसंगठित हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए प्रतिबद्ध ‘मातृभाषा उन्नयन संस्थान’ द्वारा प्रतिवर्ष दो हिन्दी साधकों को ‘हिन्दी गौरव अलंकरण’ से विभूषित किया जाता है। इसी शृंखला में वर्ष 2021 के हिन्दी गौरव अलंकरण चयन समिति ने मध्यप्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के मंत्री एवं ख़्यात साहित्यकार कैलाश चंद्र पंत व तीन दशक से देवपुत्र के संपादक रहे एवं वर्तमान में साहित्य अकादमी, मध्यप्रदेश शासन के निदेशक डॉ. विकास दवे को हिन्दी गौरव अलंकरण से विभूषित किया जाने का निश्चय किया है। फरवरी माह में इन्हें हिन्दी गौरव अलंकरण से विभूषित किया जाएगा।

श्री पंत वर्षों से राजधानी भोपाल में रहकर मध्यप्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, हिन्दी भवन के माध्यम से हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार में सक्रिय हैं तथा लगभग 30 वर्षों तक बाल पत्रिका देवपुत्र के माध्यम से जन सामान्य तक हिन्दी भाषा की पहुँच बनाने में अपनी सक्रिय भूमिका निभाने वाले डॉ. विकास दवे का साहित्यिक अवदान भी रेखांकित होता है।

ज्ञात हो कि संस्थान द्वारा प्रतिवर्ष एक हिन्दी सेवी पत्रकारिता के क्षेत्र से व एक हिन्दी सेवी साहित्य लेखन क्षेत्र से चयनित किए जाते है। पूर्व में पद्मश्री अभय छजलानी एवं अज्ञेय के चौथा सप्तक में शामिल राजकुमार कुम्भज भी इस अलंकरण से विभूषित हो चुके हैं।

संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने बताया कि कैलाश चन्द्र पंत जी व डॉ. विकास दवे जी निःसंदेह हिन्दी के गौरव हैं, आप के अवदान को सदियों तक याद रखा जाएगा। संस्थान आपको सम्मानित कर स्वयं गौरवान्वित महसूस कर रहा है।
संस्थान की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. नीना जोशी ने हर्ष व्यक्त करते हुए श्री पंत व डॉ. कुम्भज जी के हिन्दी के प्रति अनुराग के बारे में बताया।

मातृभाषा उन्नयन संस्थान की राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष शिखा जैन, राष्ट्रीय सचिव गणतंत्र ओजस्वी, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य नितेश गुप्ता, जलज व्यास, सपन जैन काकड़ीवाला आदि ने शुभकामनाएँ दीं।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।