परिचय : मनी तिवारी ‘साहिबा’ नाम से लेखन कार्य में सक्रिय हैं। आप मध्यप्रदेश के जबलपुर स्थित धनवंतरि नगर हाउसिंग बोर्ड कालोनी में रहती हैं। मंडला से भी आपका जुड़ाव है। लेखन क्षेत्र में अखिल भारतीय साहित्य परिषद(जबलपुर) आदि से जुड़ी हुई हैं।
Read Time58 Second
तेरी नजर-सा एक मैकदां चाहिए,
जिंदगी में तुझसा ही नशा चाहिए॥
कत्ल हो जाते तेरी एक नजर से,
जिंदगी भर साथ मय-सा चाहिए॥
नहीं किसी मंजिल की तलाश मुझे,
हर कदम हमसफर तुझसा चाहिए॥
हसरतें हो जाएंगी पूरी सारी अब,
‘मनी’ को सनम आसरा चाहिए॥
रहनुमा बन गए अब तुम तो मेरे,
अब ‘साहिबा’ को और क्या चाहिए॥
#मनी तिवारी ‘साहिबा’
Average Rating
5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%
Next Post
जीवन...
Thu Jul 6 , 2017
धीरे-धीरे कई नकाब,चेहरों से उतर गए। धीरे-धीरे कई बरस जीवन के,चूहे कुतर गए॥ बढ़ता गया दर्द न राह मिली,न राहत ही मिली। जीवन की उहापोह में,कभी इधर कभी उधर गए॥ सूरज की तपती रश्मि ने कभी जगाया था हमें। लेकर चाँद को बाँहों में,सूनी राहों से गुजर गए॥ #दशरथदास बैरागी […]

पसंदीदा साहित्य
-
September 8, 2017
कहाँ से लाऊँ
-
January 9, 2021
कोरोना वाइरस खाय जात है
-
February 1, 2018
गुरु-शिष्य का रिश्ता
-
August 25, 2018
अन्तर्द्वन्द्व – ‘सोच’ की अतिरिक्तता तथा सामान्यता
-
January 27, 2018
जितनी भी शक़्कर