अर्कान-1222×4-मफाईलुन-मफाईलुन-मफाईलुन-मफाईलुन. शहीदों की चिताओं में लगें मेले मुनासिब है। शहादत को रखेंगे याद मुमकिन यार वाज़िब है।-01 रखें महफूज़ सरहद को यकीनन जान से खेले, जमाना ये कहे सैनिक बड़ा अय्यार साहिब है।-02 शहादत भी वतन के वास्ते ज़न्नत हुआ करती, तलब हो जब हिफाज़त की वही तो यार तालिब […]

ज़िन्दगी में कहाँँ किनारे हैं।हम सरीख़े भी बेसहारे हैं। मिले मुक़म्मल जहाँ तलाश ये, है आरज़ू कि फिरते मारे हैं। * न आब है तलाश दाने की,ये आदमी तो बेसहारा है। ज़ख्म सिले न ख़रोंच देता जो, कहें भी कैसे वो हमारा है। ज़ुनून ले कर चला है,नज़र फ़लक पे,तोड़ना […]

ज़िन्दगी में कहाँँ किनारे हैं।हम सरीख़े भी बेसहारे हैं। मिले मुक़म्मल जहाँ तलाश ये, है आरज़ू कि फिरते मारे हैं। * न आब है तलाश दाने की,ये आदमी तो बेसहारा है। ज़ख्म सिले न ख़रोंच देता जो, कहें भी कैसे वो हमारा है। ज़ुनून ले कर चला है,नज़र फ़लक पे,तोड़ना […]

  आरज़ू यार से अलविदा ना कहें। ख़्वाहिशें कुछ नहीं हम ज़ुदा ना कहें।-01 ★ रूह तनहाइयों में बसर कर रही, हम तपिश में वो ख़ुद को खुदा ना कहें।-02 ★ ज़िस्म जो सुर्ख़रू कल को ढल जाएगा, आज भी कल भी होंगे फ़िदा ना कहें।-03 ★ इक नशीला बदन […]

किया  है  दिलों  में  निज़ामत  करेंगे । नहीं   आशिक़ी  में   क़यामत  करेंगे ।-01 तमन्ना   यही   है  उन्हें  क़ैद   कर  लें, अदावत  नहीं   बस   सलामत  करेंगे ।-02 नहीं   आजमाया  तो   क्या  जान  पायें, समझते   रहे   हम   अदावत   करेंगे […]

“कौन  कहता  है  आसमाँ  में  सुराख  हो  नहीं  सकता,जरा तबियत  से  पत्थर  तो  उछालो  यारो”,उसने शे’र सुन रखा था,मन मे आया,मैं ग़रीब का बेटा हूँ,इससे क्या हुआ।प्रयास से कुछ भी प्राप्त हो सकता है,शिक्षा का उजियारा भाग्य बदल सकता है।     हम जमकर पढ़ाई करेंगे और अंतरिक्ष विज्ञान का […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।