हलधर

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हल चलाता जा हे हलधर! इस तपती रेती में,

जोते जा तू उम्मीदों को अपनी,गिरवी खेती में।

न आया बादल आषढ़िया,गहराया न सावन…

श्रम बिन्दु झरझर बरसा,तू बंजर रेती में।।

 

पूछत प्रिया तेरी तुझसे कैसी होगी अबकी खेती?

ब्याह देगें क्या अबके मुहूर्त में अपनी बड़की बेटी!

बहुत दिनन से ताके चारे खातर गोई,

सूखा  भूसा गले फँसे है चोकर ड़ालो कोई।

 

तार-तार कपड़ों से कैसे तन ढँक पावै,

बार-बार तोहरी महरी को झीनी धोती में लज्जा आवै।

तू सबकी आशाओं का बिन्दु,

तू ही चकोर का चमकता इन्दु।

 

यह सोच तनिक,

फिर रोप दे बिरवा सूखी खेती में,

श्रम बिन्दु झरझर बरसा तू बंजर रेती में।

 

अबकी बरखा जम के बरसे,चौमासा लग जावे,

तेरे हल की नोंक चले जब खुशहाली फैलावे..

धानी चुनर ओढ़े वसुधा शस्य श्यामला हो जावे।

 

सोलह श्रृगांर करे तोहरी धरणी भी,

मुख मन्द-मन्द मुस्कावे।

बीजन संग तोरी उम्मीद दफन है बंजर रेती में,

हल चलाता जा हे हलधर! इस तपती रेती में…..।

                                                        #मनोज कुमार सामरिया ‘मनु'

परिचय : मनोज कुमार सामरिया  `मनु` का जन्म १९८५ में  लिसाड़िया( सीकर) में हुआ हैl आप जयपुर के मुरलीपुरा में रहते हैंl बीएड के साथ ही स्नातकोत्तर (हिन्दी साहित्य ) तथा `नेट`(हिन्दी साहित्य) भी किया हुआ हैl करीब सात वर्ष से हिन्दी साहित्य के शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं और मंच संचालन भी करते हैंl लगातार कविता लेखन के साथ ही सामाजिक सरोकारों से जुड़े लेख,वीर रस एंव श्रृंगार रस प्रधान रचनाओं का लेखन भी करते हैंl आपकी रचनाएं कई माध्यम में प्रकाशित होती रहती हैं।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।