मेरे अनुज

0 0
Read Time2 Minute, 3 Second
gunjan
लाड़,दुलार,मनुहार,
और फिर कभी-कभी तकरार
के बीच समय
ठण्ड की गुनगुनी धूप-सा,
यादों की सुराही में सिमट गयाl
अब तो समझदारी के ताने-बाने बुनते हुए,
कभी उलझते हैं
कभी सुलझ जाते हैं,
खुद में ही
एक दूजे के जज्बातों को
एकदम से समझ जाने का,
ये जादुई सिलसिला तो
अनवरत रहेगा।

नदियों की भाँति,
हम दो बहनों की कल-कल में
जब से तुम्हारा नाद शामिल हुआ
तब ये रिश्ता संगम बन
और भी पावन हो गया।

माता-पिता और बड़ों के
अनुभवों के चाक पर,
तुम्हारी संवेदनाओं को
जो परिपक्वता मिली,
सम्भाल रखना उन्हें
बिखरने से
और बढ़ चलना,
लक्ष्य के उत्तुंग शिखर
छूने को।

मेरे अनुज,
जन्मोत्सव का ये शुभ अवसर
चिरकाल तक तुम्हें
आशीष देता रहे॥

                                                        #गुंजन गुप्ता
परिचय : १९८९ में जन्मी गुंजन गुप्ता ने कम समय में ही अच्छी लेखनी कायम की है। आप प्रतापगढ़ (उ.प्र) की निवासी हैं। आपकी शिक्षा एमए द्वय (हिन्दी,समाजशास्त्र), बीएड और यूजीसी ‘नेट’ हिन्दी त्रय है। प्रकाशित साहित्य में साझा काव्य संग्रह-जीवन्त हस्ताक्षर,काव्य अमृत, कवियों की मधुशाला है। कई पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचनाएँ प्रकाशित होती हैं। आपके प्रकाशाधीन साहित्य में समवेत संकलन-नारी काव्य सागर,भारत के श्रेष्ठ कवि-कवियित्रियां और बूँद-बूँद रक्त हैं। समवेत कहानी संग्रह-मधुबन भी आपके खाते में है तो,अमृत सम्मान एवं साहित्य सोम सम्मान भी आपको मिला है।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

कैसी शान्ति!

Thu Nov 16 , 2017
     साठ साल के मोतीचन्द,मुंह से शराब की बदबू फैलाते दुकान पर खड़े कहे जा रहे थे-मुझे शान्ति चाहिए! शान्ति!!      तभी एक सिरफिरा आ टकराया।     `क्या कीमत दोगे?`      `कीमत!,कीमत में तो मैं अपनी बीबी तक दे सकता हूं।` मोतीचन्द ने जबाब दिया। इससे आगे […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।