कवि सामान्य देह के असाधारण व्यक्तित्व – पद्म श्री राजपुरोहित

0 0
Read Time2 Minute, 34 Second

‘यशगान’ कवि सम्मेलन में सुनाई देशभक्ति की कविताएं

नरेंद्र अटल को दिया वर्ष 2024 का अनुज सम्मान

गौतमपुरा। कवि शब्द की व्युत्पत्ति शुक्राचार्य के एक नाम से हुई है और कवि साधारण देह के असाधारण व्यक्तित्व के धनी होते है। आज कविता का स्वरूप बदला है पर यह आज भी लोगों को जोड़ने का काम करती है। यह बात कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध साहित्यकार पद्मश्री डॉ. भगवती लाल राजपुरोहित ने कही।
साहित्यिक संस्था मंथन द्वारा प्रतिवर्षानुसार नगर में ‘यशगान विराट कवि सम्मेलन एवं स्वर्गीय ठाकुर चंद्रसिंह जी राव अनुज सम्मान समारोह का आयोजन स्वतंत्रता दिवस की संध्या पर किया गया जिसमें महेश्वर निवासी राष्ट्रीय कवि नरेंद्र अटल को अनुज सम्मान से सम्मानित किया गया।
साथ ही प्रदेश के युवा कवियों द्वारा काव्य पाठ कर उन वीरों को श्रद्धांजलि दी गई जिन्होंने अपना सर्वस्व बलिदान कर भारत देश को अंग्रेजों से आजाद करवाया था।
कार्यक्रम का संचालन रुद्रांश राव में व आभार आशीष राव ने माना।
कवि सम्मेलन में लव कुमार यादव इंदौर, सुमित सिंह विदिशा, अमन जादौन शाजापुर, नीतेश व्यास भोपाल, समर्थ भावसार उज्जैन, लोकेश निर्भय बड़नगर , रिया मोरे इंदौर, प्रियांशी पाटीदार शुजालपुर ने काव्य पाठ किया एवं गौतमपुरा नगर के कवि गोपाल गर्वित ने संचालन किया।

विशेष रूप से मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’, संस्था मंथन के संयोजक पंकज प्रजापत एवं संस्था के सदस्य आदित्य प्रजापत , देवेन्द्र शर्मा, शुभम स्वराज एवं नगर के प्रबुद्ध श्रोतागण उपस्थित रहे।

matruadmin

Next Post

पराभव से परम वैभव की ओर बढ़ती स्वतन्त्रता

Fri Aug 16 , 2024
● डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ आज़ाद भारत, सतहत्तर वर्ष का यौवन और असंख्य बलिदानों से लिखी इस संकल्पना के अमृतकाल का गौरव गान तब पूर्ण होगा, जब शताब्दी की ओर बढ़ती आज़ादी अपने देशवासियों को विस्तृत फ़लक पर मज़बूत कर दे। भारत की आज़ादी बलिदानों के दर्ज पदचिह्न हैं, जिस […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।