विश्व पुस्तक मेले का शुभारंभ, संस्मय प्रकाशन पर ‘मेरा बचपन’ विमोचित

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नई दिल्ली। कोरोना की भयावहता के तीन वर्षों बाद विश्व पुस्तक मेला का आयोजन हो रहा है। मेले में पुस्तक प्रेमियों का उत्साह अधिक रहा। पहले दिन भी हज़ारों पुस्तक प्रेमी मेले में शिरक़त कर किताबें ख़रीद रहे थे।
प्रगति मैदान, दिल्ली में आयोजित हो रहे विश्व पुस्तक मेला की थीम आज़ादी का अमृत महोत्सव है और मेहमान राष्ट्र फ़्रांस है।
इस विश्व पुस्तक मेला में इन्दौर के संस्मय प्रकाशन ने भी हिस्सेदारी ली है। संस्मय प्रकाशन के स्टॉल 325 पर शनिवार को दिल्ली के लेखक राजीव जायसवाल की पुस्तक ‘मेरा बचपन’ का विमोचन किया गया। विमोचन में मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’, संस्मय प्रकाशन की संस्थापक शिखा जैन, प्रबंधक भावना शर्मा, बरखा रस्तोगी इत्यादि मौजूद रहे। विमोचन उपरांत स्टॉल पर ‘गद्यांश’ आयोजित किया गया, जिसमें लेखकों ने अपनी पुस्तक के अंश का वाचन किया।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।