क़िताबों के सबसे बड़े मेले में शानदार रहा रविवार, संस्मय प्रकाशन पर उमड़ी पाठकों की भीड़

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नई दिल्ली। तीन साल बाद प्रगति मैदान में आयोजित हो रहे विश्व पुस्तक मेले में साहित्य प्रेमियों के लिए विशेष महत्व वाला रविवार रहा। यह विश्व पुस्तक मेला आगामी पाँच मार्च तक चलेगा। उल्लेखनीय है, कि विश्व के सबसे बड़े पुस्तक मेलों में से एक नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला इस बार अपनी 50 साल की यात्रा का उत्सव मना रहा है। इस बार मेले की थीम आजादी का अमृत महोत्सव रखी गई है और मेहमान देश फ़्रांस है।
विश्व पुस्तक मेले का औपचारिक शुभारंभ शनिवार को केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री डॉ राजकुमार रंजन सिंह द्वारा किया गया। इस पुस्तक मेले में देश-विदेश के साहित्य की दो हजार स्टालों पर लगभग प्रत्येक विषय की अनगिनत पुस्तकें उपलब्ध है, लेकिन संस्मय प्रकाशन के स्टॉल पर पाठकों की अधिक भीड़ दिखी। युवा समेत अधेड़ आयु के काफी लोग पत्रकारिता से संबंधित क़िताबें, कविताओं के संग्रह, कहानियों और संस्मरण की क़िताबें खरीदते हुए नजर आएँ।
बता दें, विश्व पुस्तक मेला 2023 में दुनिया भर के कई देशों के अलावा जी-20 देशों की किताबें, साहित्य और संस्कृति का प्रदर्शन किया जा रहा है। पुस्तक मेले के दौरान कई सेमिनार, सम्मेलन, पुस्तक विमोचन, साहित्यिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ विभिन्न कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे है। साथ ही मेले में G-20 पवेलियन, एनईपी पवेलियन, एड-टेक जोन, युवा लेखक मंच जैसे नए आकर्षणों के साथ-साथ थीम मंडप, विदेशी मंडप, बच्चों के मंडप, लेखक मंच भी सजा हुआ है।
इस दौरान संस्मय प्रकाशन के स्टॉल पर भी विमोचन एवं किस्सागोई का आयोजन किया गया। लेखक राजीव जायसवाल, डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ सहित वन्दना यादव आदि रचनाकारों ने अपना रचनापाठ भी किया। पाठकों के जमघट से रविवार मेले में गुलज़ार रहा। पूरे मेले में रविवार को अधिक संख्या में लोग पहुँचे और अपनी अपनी पसंद की क़िताबें खरीदी। बच्चों सहित उनके माता-पिता भी खासे उत्साहित रहें।

क़िताबें खींच लाती है…

विश्व पुस्तक मेले के आकर्षण के मोहपाश से कोई भी बच नहीं सकता। शारीरिक अस्वस्थता के बावजूद भी पुस्तक मेले में अपनी पसंद की क़िताबें व्यक्ति को आमंत्रित कर ही लेती है। कहीं वयोवृद्धजन तो कही दिव्यांगजन व्हील चेयर पर भी स्टॉल पर जाकर अपनी पसंद का लेखन खोजते नज़र आएँ।

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आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।