Read Time28 Second

प्रकृति है रुष्ट
लग रहे है झटके
कही धरती डोल रही है
कही पड़ रहे
कोरोना के फटके
अब तो संभल जाओ
प्रकृति को न सताओ
पर्यावरण संतुलन
करना ही होगा
कंकरीट के जगंलों से
बचना ही होगा
धरती की मजबूती का
वृक्ष ही आधार है
स्वांस के लिए आक्सीजन
मिलता अपार है।
#श्रीगोपाल नारसन
Post Views:
453