देशभर में एक अलग पहचान बना चुकी है संस्था- बृजलोक अकादमी

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आगरा । साहित्यिक संस्था – बृजलोक साहित्य, कला, संस्कृति अकादमी के सौजन्य से पावनपर्व गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर एक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया । संस्था को देशभर से सम्मानार्थ प्रविष्टियां प्राप्त हुई थीं। प्रविष्ठियां ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों माध्यमों से स्वीकार की गई थीं। सभी प्रविष्टि भेजने वाले सम्मानित कलमकारों को प्रशस्ति पत्र व संस्था परिचय पत्र ससम्मान पंजीकृत डाक व कोरियर से प्रेषित किए गए हैं ।

संस्था के पदाधिकारियों द्वारा चुने गए विशिष्ट कलमकारों को सत साहित्य भी प्रेषित / प्रदान किया गया है । सम्मानित होने वाले साहित्यकार हैं –

डा. पीसी कौंडल (हिमाचल प्रदेश), डॉ. सत्यनारायण चौधरी (राजस्थान), डॉ.कृष्णमणि चतुर्वेदी मैत्रेय ( उत्तर प्रदेश), डॉ.आनन्द सुमन ( उत्तराखंड), डॉ.नवीन शंकर पाण्डेय ( उत्तर प्रदेश), दिनेश परुथी (महाराष्ट्र), रामनारायण साहू राज (छत्तीसगढ़), अनिल द्विवेदी तपन (उत्तर प्रदेश), सेवा सदन प्रसाद (महाराष्ट्र), डॉ. नीलाचल मिश्रा (उड़ीसा), विजयानंद विजय (बिहार), डॉ. शकुंतला देवी राणा (हिमाचल प्रदेश), राजू कुमार राजवीर (छत्तीसगढ़), नंदलाल मणि त्रिपाठी पीतांबर (उत्तर प्रदेश), श्रीमती आशा सिंह (उत्तर प्रदेश), डॉ. सुरेंद्र प्रताप सिंह (उत्तर प्रदेश), डॉ. सिकंदर लाल (उत्तर प्रदेश) आदि ।

बृजलोक साहित्य, कला, संस्कृति अकादमी द्वारा आयोजित यह वर्ष 2021 का तृतीय कार्यक्रम था । आगामी कार्यक्रम पावन पर्व दीपावली पर आयोजित होगा और वर्ष का अंतिम कार्यक्रम रहेगा । उक्त कार्यक्रम के लिए देशभर से प्रविष्टियां स्वीकार की जा रही हैं । संस्था अध्यक्ष – मुकेश कुमार ऋषि वर्मा ने यह जानकारी प्रदान की । ग्रामीण क्षेत्र से संचालित व एक ऐसे गांव से जो प्रत्येक दृष्टि से पिछड़ा है, संस्था का संचालन काफी कठिन कार्य है। साहित्यिक गतिविधियों के नियमित संचालन के लिए ही ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है, क्योंकि संस्था के पास संसाधनों का अभाव है । परंतु संतुष्टि का विषय है कि आज संस्था ने देश भर में अपनी एक अलग पहचान बनाई है ।

  • कार्यकारी अध्यक्ष

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।