आज मुर्दे भी बोल रहे हैं

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आज मुर्दे भी मुख खोल रहे हैं,
अपने मन की पीड़ा खोल रहे हैं।
हुआ है उनके साथ बहुत अन्याय,
सबकी वे अब पोल खोल रहे हैं।।

मिली नहीं अस्तपतालो में जगह,
आक्सीजन के लिए भटक रहे थे।
हो रही थी दवाओं की काला बाजारी,
दवाओ के लिए हम तड़फ रहे थे।।

मिला नहीं चार कंधो का सहारा,
एम्बुलेंस की राह हम देख रहे थे।
श्मशान में भी जगह न मिली थी,
संस्कार के लिए जगह देख रहे थे।।

मिले थे हमको कफ़न चोर भी,
वो हमारा कफ़न भी लूट रहें थे।
बेचारे घर वाले भी क्या करते,
वे सबके वहां हाथ जोड़ रहे थे।।

मिली नहीं लकड़ी भी हमको,
गंगा में ही हमें वहां बहा रहे थे।
कहते किससे ये सब बातें हम,
अपने आपको हम कोस रहे थे।।

नंगे खुले थे सब अंग वहां हमारे,
पशु पक्षी हमको सब नोच रहे थे।
ऐसी कभी नहीं देखी थी दुर्दशा,
अपने आप में ही हम रो रहे थे।।

हुआ ये सब कोरोना के कारण,
किसी को हम दोष नहीं दे रहे हैं।
कभी न हो ऐसी दुर्दशा किसी की,
ये कटु सत्य हम सबको बता रहे हैं।।

आर के रस्तोगी
गुरुग्राम

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।