
भज ले प्रभु का नाम बन्दे,
कभी तुझे देरी न हो जाए।
पता नहीं इस मौत का तुझे,
कब तुझेको मरघट लेे जाए।।
अनिष्चता में निश्चितता छिपी,
सब लोगो को तो ये पता है।
मौत सबको ही आएगी पर,
कब किसको आएगी ये न पता।।
करले अपने सब काम पूरे,
फिर शायद समय न मिले।
मिला है मनुष्य जीवन तुझे ,
शायद फिर ये तुझे न मिले।।
चांदनी है चार दिनों की जीवन में,
फिर अंधेरी रात ही आयेगी।
करले नेक काम इस चांदनी में,
फिर ये कभी नहीं आएगी।।
कर भला तेरा भला होगा
ये मन में तू बन्दे सोच लेे।
बुरा करने से न भला होगा,
ये जरा तू भी और सोच ले।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम