
किसी से नज़रें मिलते ही,
दिल लगाया नहीं जाता।
हर मिलने वाले को भी
अपना बनाया नहीं जाता।
जो दिलमें बस जाये उन्हें
उम्रभर भुलाया नहीं जाता।।
माना तेरी हर अदा,
मोहब्बत सी लगती है।
एक पल की जुदाई भी,
मुद्दत सी लगती है।
पहले नहीं सोचा था,
अब सोचने लगे है हम।
जिंदगी के हर लम्हों में,
अपनी लगती हो तुम।।
तुम्हारे बिन किसी और से,
अब कह भी नहीं सकते।
दो दिलों की धड़कनो को,
किसीको सुना नहीं सकते।
क्योंकि इन धड़कनो को,
बस हम दोनो समझते हैं।
और हमारा रिश्ता है क्या,
जमाने को बता नहीं सकते।।
दो दिलों की चाहत को,
क्यों न हम एक कर दे।
जो भी दिल केअरमान है,
उन्हें एक दूसरे को बात दे।
यदि हम दोनों के दिल,
एक साथ धड़कते है।
तो क्यों न हम दोनों को,
एक साथ मिला दे।।
और नये जीवन की शुरूआत,
क्यों न हम आज से कर दे।।
जय जिनेंद्र देव
संजय जैन, मुंबई