हिंदी

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अभिलाषाओं को अभिव्यक्त करती ,
भावनाओं को चित्रित करती ,
कल्पनाओं के सिंधु में अनुपम अलंकृत होती ,
वह है अतुल्य अनुपम हिंदी ।
मां वाग्मयी के आशीर्वाद की तरंगिणी ,
काव्य का आलौकिक अल्हाद ,अनुभूति का सृजन ,
वर्ण से अक्षर तक नवल गीत अनंत रंगीनी ,
कभी चारु चंद्र की चंचल किरणें में रितु गान करती ।
कभी नूपुर की झंकार सी ,कभी वेणु के सुरों से किसी सुमुखी के प्रेम को सुरभीत करती ।
कभी नगाड़ा और दुंदुभी सी किसी युद्धवीर का उत्साह बढ़ाती ,
मधुर -करुण संवेदनाओं की तरंगिणी ।
वह है अतुल्य अनुपम हिंदी ।
कभी हास्य के स्वर से मुखरित होती ,
कभी नैराश्य का भाव तो कभी जुगुप्सा ,आश्चर्य की तिरोहिणी।
अलंकारों के कौस्तुभ का अवलंबन करती ,
वह है अतुल्य अनुपम हिंदी ।
मीरा के छंदों से कबीर की वाणी में,
प्रेमचंद से निराला की मुखरित होती लेखनी में एक सूत्र होती, संस्कृति व सृजन की उद्घाटीनी ।
वह है अतुल्य अनुपम हिंदी ।
विभाव ,अनुभाव, संचारी – स्थाई भाव की निष्पादिनी ,
वर्ण से अक्षर तक नवल गीत अनंत रंगीनी ,
परस्पर प्रेम का सेतु बनाती।
ओंकार के नाद से ब्रह्मा ,विष्णु ,महेश से एकाकार करती ,
सकल भारत राष्ट्र की महिमामंडिनी ।
मां वांग्मयी के आशीर्वाद की तरंगिणी ।
वर्ण से अक्षर तक नवल गीत अनंत रंगीनी।
वह है अतुल्य, अनुपम हिंदी।

नीना शर्मा, मुम्बई

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कुंभ

Fri Apr 2 , 2021
कुंभ की रंगीन छटा में छिपा है कड़ा परिश्रम छिपी है अटूट आस्था छिपा है एक विश्वास देश विदेश से कुंभ में जो भी यहां आएगा कुंभ रमणीकता से गंगामय हो जाएगा तन ही नही मन शुद्धि कर लीजिए कुंभ में परमश्रद्धा की डुबकी लगाइये इस कुंभ में।#श्रीगोपाल नारसन Post […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।