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टिक न सकेगा कपट का, फर्जी …माया जाल।
कुलभूषण के केस में,
हुई जीत …हर हाल।
हुई जीत हर हाल,मुकदमा भारत …जीता।
थुड़ी पाक की हुई,झूठ का दगा…पलीता।
कह ‘अरविन्द’ समझाय,
भले हो…छम्ब,बटालिक।
सदा सत्य की विजय,झूठ कैसे सकता टिक ?
#वैकुन्ठ नाथ गुप्त ‘अरविन्द’
परिचय : वैकुन्ठ नाथ गुप्त ‘अरविन्द’ टेलियागढ़ (जिला-फैजाबाद(उप्र) में रहते हैं।आप काफी समय से काव्य रचना में लीन हैं।
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