युवा लेखक व चित्रकार नव कांत द्वारा रचित काव्य संग्रह पुस्तक ” क़लम हूँ मैं ” के पुस्तक का हुआ विमोचन ।

11 0
Read Time2 Minute, 44 Second

✒️ लेखक नव कांत की पुस्तक “क़लम हूँ मैं ” ने सुर्खियाँ बटोरी।

✒युवा लेखक व चित्रकार नव कांत द्वारा रचित काव्य संग्रह ” क़लम हूँ मैं ” समाज के रु-ब-रु आ चुकी है।
“क़लम हूँ मैं ” पुस्तक का विमोचन समारोह में ओपी जिन्दल मॉडर्न स्कूल, हिसार के प्रिंसिपल श्री जगदीश सिंह धामी की अध्यक्षता में हुआ।उप- प्रिंसिपल श्रीमती अंजना गुप्ता बतौर विशिष्ट अतिथि और प्रबंधक कर्नल गौतम कलिटा ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की।
सभी अतिथियों ने पुस्तक का विमोचन किया एवं लेखक को बधाई देते हुए कहा कि आज समाज को नवकांत जैसे लेखकों, चिंतकों की आवश्यकता है।
कार्यक्रम के अंत में लेखक नव कांत द्वारा धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि यदि आप जैसे सुधि पाठकों एवं आप जैसे सुधी जनों का आशीर्वाद लेखकों को मिलता रहे तो निश्चय ही समाज को प्रेरणादाई पुस्तकें पढ़ने को मिल सकेंगी।

✒लेखक परिचय- राज्य ललित कला अकादमी (उ.प्र.) से पुरस्कृत, युवा हिन्दी लेखक व चित्रकार, नव कांत मूल रूप से बोकारो स्टील सिटी, बोकारो, झारखण्ड से ताल्लुक रखते हैं। इन्होंने पेंटिंग विषय में ललित कला संस्थान, डॉ. भीमराव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी, आगरा से ललित कला में स्नातक एवं परास्नातक (मास्टर ऑफ फाइन आर्ट्स एवं बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स) के साथ-साथ दिल्ली विश्वविद्यालय के मुक्त शिक्षा विभाग से बैचलर ऑफ आर्ट्स की शिक्षा हासिल की है। फिलहाल नव कांत जी ओ.पी. जिंदल मॉडर्न स्कूल, हिसार, हरियाणा में ललित कला (फाइन आर्ट्स) के अध्यापक हैं। इन्हें राज्य ललित कला अकादमी, लखनऊ, उ.प्र. के क्षेत्रीय पुरस्कार सहित अनेकों पुरस्कार मिल चुके हैं। नव कांत जी द्वारा लिखित रचनाएँ दैनिक व् सांध्य अनेकों समाचार पत्रों -पत्रिकाओं में नियमित प्रकाशित होती रहती हैं।

matruadmin

Next Post

वैतरणी

Thu Apr 1 , 2021
सुखद बना ले आज कल भी अच्छा होगा छोड़े व्यर्थ के विचार मन भी सच्चा होगा नवरात्र के उपवास देते हमें यही सीख़ खाओ शुद्ध आहार रखो कन्या से भी प्रीत कन्या है सुखदायनी बेटा कुल का आधार याद रहे वह परमात्मा जो लगाते वैतरणी पार।#श्री गोपाल नारसन Post Views: […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।