एक नारी की मन की वेदना

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जब तक तुम न हो बिस्तर पर,
मुझे जरा भी नींद नहीं आती।
जब तक मिले न स्पर्श तुम्हारा,
मेरे दिल में चैन नहीं है आती।।

जब तक तकिया न तुम्हारे हाथो का,
आंखो मे नींद नहीं है अब समाती।
जब तक चादर पर न पड़े सलवटे,
मेरे दिल को चैन कभी नहीं आती

मिल जाता है जब स्पर्श तुम्हारा,
मै मधुर स्वप्नों में हूं खो जाती।
इन मधुर स्वप्नों के द्वारा सदैव,
मै तुम्हारे करीब पहुंच जाती।।

अब तुम मेरे प्राणों से प्यारे हो,
मेरे दिल के तुम राजदुलारे हो।
कब होगा तुमसे मिलन मेरा,
मेरी आशा के चांद सितारे हो।।

चैटिंग करती हूं जब मै तुमसे,
शब्दों से स्पर्श होता है मेरा तेरा।
चलती जब उंगलियां मोबाइल पर
पा जाती हूं मै ढेर सा प्यार तेरा।।

जब तक संदेशा तुम्हारा न आये
तब तक मै भी नही सो सकती।
करती रहती हूं उसकी प्रतीक्षा मै,
तब तक विश्राम नहीं कर सकती।

बनारस में नहीं रहा अब रस,
गंगा में नहीं रहा स्वच्छ पानी।
बनारसी बीड़ा न मिलता अब,
बुलालो अपने पास तुम जानी।।

तड़फ रही हूं मै बिन अब तुम्हारे,
मेरा दिल यहां नहीं अब लगता।
आन मिलो सजना तुम मेरे,
रात नहींअब दिन भी नहीं कटता।।

कहने के तो बहुत कुछ अब है,
लज्जा बस कुछ न कह पाती।
तुम तो स्वयं समझदार हो स्वामी,
मुझे समझाने की नोबत न आती।

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।