एक नारी की मन की वेदना

1 0
Read Time1 Minute, 51 Second

जब तक तुम न हो बिस्तर पर,
मुझे जरा भी नींद नहीं आती।
जब तक मिले न स्पर्श तुम्हारा,
मेरे दिल में चैन नहीं है आती।।

जब तक तकिया न तुम्हारे हाथो का,
आंखो मे नींद नहीं है अब समाती।
जब तक चादर पर न पड़े सलवटे,
मेरे दिल को चैन कभी नहीं आती

मिल जाता है जब स्पर्श तुम्हारा,
मै मधुर स्वप्नों में हूं खो जाती।
इन मधुर स्वप्नों के द्वारा सदैव,
मै तुम्हारे करीब पहुंच जाती।।

अब तुम मेरे प्राणों से प्यारे हो,
मेरे दिल के तुम राजदुलारे हो।
कब होगा तुमसे मिलन मेरा,
मेरी आशा के चांद सितारे हो।।

चैटिंग करती हूं जब मै तुमसे,
शब्दों से स्पर्श होता है मेरा तेरा।
चलती जब उंगलियां मोबाइल पर
पा जाती हूं मै ढेर सा प्यार तेरा।।

जब तक संदेशा तुम्हारा न आये
तब तक मै भी नही सो सकती।
करती रहती हूं उसकी प्रतीक्षा मै,
तब तक विश्राम नहीं कर सकती।

बनारस में नहीं रहा अब रस,
गंगा में नहीं रहा स्वच्छ पानी।
बनारसी बीड़ा न मिलता अब,
बुलालो अपने पास तुम जानी।।

तड़फ रही हूं मै बिन अब तुम्हारे,
मेरा दिल यहां नहीं अब लगता।
आन मिलो सजना तुम मेरे,
रात नहींअब दिन भी नहीं कटता।।

कहने के तो बहुत कुछ अब है,
लज्जा बस कुछ न कह पाती।
तुम तो स्वयं समझदार हो स्वामी,
मुझे समझाने की नोबत न आती।

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

matruadmin

Next Post

भगवान शिव

Sat Mar 13 , 2021
जहाँ सारा दुनिया जिसकी शरण मे , नमन है उस भगवान शिव के चरण मे , हम बने उस महाकाल के चरणों की धूल , आओ हम – सब मिल कर चढ़ाये उनके चरणों में श्रद्धा के फूल ! महाकाल की हमेशा बनी रहे मुझ पर छाया , पलट दे […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।