परिचय: प्रेरणा सेंद्रे इन्दौर में रहती हैं। आपकी शिक्षा एमएससी और बीएड(उ.प्र.) है। साथ ही योग का कोर्स(म.प्र.) भी किया है। आप शौकियाना लेखन करती हैं। लेखन के लिए भोपाल में सम्मानित हो चुकी हैं। वर्तमान में योग शिक्षिका के पद पर कार्यरत हैं।
Read Time1 Minute, 19 Second
नन्हीं-सी प्यारी-सी, नादान होती है,
बेटियां तो माँ बाप की पहचान होती है।
न हो बेटी तो वंश न हो वीरान हो घर,
घर में रौनक और उजाला लाती हर पहर।
सिर को गर्व से ऊँचा करती है ,
बेटियां तो माँ बाप की पहचान होती है।
एक रुन्द आहट का आभास कर लेती है,
माँ के दर्द को आधा कर देती है।
हो कोई विपत्ति वो साथ खड़ी रहती है,
बेटियां तो माँ की पहचान होती है।
न करो भ्रूण हत्या मानव,वर्ना पछताओगे,
जानवर की तरह रहोगे वंश न बढ़ा पाओगे।
कन्यादान करके पापों से मुक्त करती है,
बेटियां तो माँ बाप की पहचान होती है।
***************** प्रेरणा सेंद्रे