ज़िन्दगी

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sonu
कभी लोगों ने तड़पाया,
कभी रोगों ने तड़पाया,
कभी धनवानों ने रौंदा,
कभी नेता ने धमकाया।

कभी दिल में उठी सच बात को उसने नहीं रोका,
इन्हीं सच्चाइयों ने तो उसे बढ़ना ही सिखलाया।

वो बढ़ने फ़िर लगा आगे, किसी दीवाने के जैसे,
ये दुनिया छोड़िए अपनों
से भी पागल वो कहलाया।

ख़ुदा के रास्ते पर उम्रभर, चलता रहा, फ़िर भी,
उसी के चाहने वालों ने उसको तब भी ठुकराया।

उसे जुल्मों के आगे सिर, झुकाना जब नहीं आया,
सभी ने इक बुरे सपने की तरहा उसको बिसराया।

ख़ुदा से रोज़ दिल ही दिल में वो तो बात करता था,
ख़ुदा ने उसके दिल में फ़िर कहीं ईमान समझाया।

ख़ुदा की फ़िर इनायत ने,
उसे इक हौंसला बख़्शा,
ख़ुदा उस से यही बोले,
‘मेरे होते क्यूँ घबराया।’

सभी ने लाख़ कोशिश की, उसे भटकाने की देखो
रुकावट पार करके ,
मंज़िलों को उसने चमकाया।

उसी की ‘ज़िन्दगी’ से ,
हौंसला ‘सोनू’ को आया
उसी ने तो तमस में भी,
मुझे सूरज दिखलाया।

 #सोनू कुमार जैन

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।