साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली की बिहार इकाई का भव्य उद्घाटन समारोह हुआ सम्पन्न

0 0
Read Time3 Minute, 52 Second

कार्यक्रम में देश के विविध प्रांतों, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, असम, हरियाणा, दिल्ली, बिहार, राजस्थान, हिमाचल, उड़ीसा और अन्य कई राज्यों से करीब सौ साहित्यकारों ने भाग लिया

राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी मिथलेश सिंह मिलिंद नई दिल्ली : साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली के तत्वावधान में संस्थान की बिहार इकाई का उद्घाटन समारोह 27 सितंबर 2020 रविवार सुबह 10 बजे से रात 9 बजे तक भव्य आनलाइन काव्योत्सव सम्पन्न हुआ। साहित्य संगम संस्थान की निर्देशिका व पूर्व निर्देशिका जन शिक्षण अभियान भारत सरकार सिरसा हरियाणा आ० ऊषा सेठी दीदी जी ने बताया कि साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली के तत्वावधान में संस्थान की बिहार इकाई का उद्घाटन समारोह ऐतिहासिक रहा। कार्यक्रम अध्यक्ष आद. नवल किशोर सिंह जी , कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आद. सुरेश लाल श्रीवास्तव जी, विशिष्ट अतिथि आद. श्रीकृष्ण श्रीवास्तव जी, संस्थान के संस्थापक डॉ राकेश सक्सेना जी, राष्ट्रीय अध्यक्ष आद राजवीर सिंह मंत्र जी, उपाध्यक्ष कुमार रोहित रोज़ जी, मीडिया प्रभारी मिथलेश सिंह मिलिंद जी, आद. इन्दु शर्मा शचि जी। कार्यक्रम का संचालन व संयोजन रोहित कुमार रोज़, मिथलेश सिंह मिलिंद, विनोद वर्मा दुर्गेश जी, अर्चना पाण्डेय जी, वंदना नामदेव जी, अर्चना वर्मा जी, सोनी गौतम जी , प्रेमलता चौधरी जी, शायर देव मेहरानियां जी द्वारा बखूबी अंजाम दिया गया। संस्थान की बिहार इकाई उद्घाटन समारोह में देश के विभिन्न प्रांतों से लगभग सौ जेष्ठ-श्रेष्ठ कवियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और अपने मनमोहक काव्यपाठ से समारोह को ऐतिहासिक व यादगार बना दिया और संस्थान के कार्यों की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए संस्थान को ढेरों बधाइयाँ भी दी। कार्यक्रम की सफलता पर कार्यक्रम संयोजक कुमार रोहित रोज़ ने कार्यक्रम में शामिल सभी कवियों को हार्दिक धन्यवाद कहते हुए, सभी शायरों/कवियों को ” काव्योन्नायक ” की उपाधि से नवाजा। कार्यक्रम में डॉ वाचस्पति कुलवंत जी के गीत की समीक्षा पुस्तक ” सम्यक् इक्षणम् ” का भी विमोचन, मुख्य अतिथि डॉ लक्ष्मीकांत पाण्डेय जी, विशिष्ट अतिथि आद अशोक चौधरी जी व समीक्षक आद श्रीनिवास शुक्ल सरस जी और डॉ राकेश सक्सेना जी के तत्वावधान में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य केंद्र रहे, आद डॉ वाचस्पति कुलवंत जी का लाइव उद्बोधन बहुत ही बेहतरीन व ऊर्जापूर्ण रहा।

matruadmin

Next Post

जीवन का आधार हिंदी

Tue Sep 29 , 2020
मेरे जीवन का आधार है हिंदी, भारत मां की आवाज है हिंदी, हिंदू, मुस्लिम,ईसाई या हो सिंधी, सबकी प्यारी भाषा होती है हिंदी। हिंदी भाषा प्रेम का गागर है, हमारी संस्कृतियों का सागर है, प्राचीन संस्कृति को हमें बचाना है, हिंदी को विश्व पटल पर लाना है। बावन अक्षरों का […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।