साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली की बिहार इकाई का भव्य उद्घाटन समारोह हुआ सम्पन्न

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कार्यक्रम में देश के विविध प्रांतों, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, असम, हरियाणा, दिल्ली, बिहार, राजस्थान, हिमाचल, उड़ीसा और अन्य कई राज्यों से करीब सौ साहित्यकारों ने भाग लिया

राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी मिथलेश सिंह मिलिंद नई दिल्ली : साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली के तत्वावधान में संस्थान की बिहार इकाई का उद्घाटन समारोह 27 सितंबर 2020 रविवार सुबह 10 बजे से रात 9 बजे तक भव्य आनलाइन काव्योत्सव सम्पन्न हुआ। साहित्य संगम संस्थान की निर्देशिका व पूर्व निर्देशिका जन शिक्षण अभियान भारत सरकार सिरसा हरियाणा आ० ऊषा सेठी दीदी जी ने बताया कि साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली के तत्वावधान में संस्थान की बिहार इकाई का उद्घाटन समारोह ऐतिहासिक रहा। कार्यक्रम अध्यक्ष आद. नवल किशोर सिंह जी , कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आद. सुरेश लाल श्रीवास्तव जी, विशिष्ट अतिथि आद. श्रीकृष्ण श्रीवास्तव जी, संस्थान के संस्थापक डॉ राकेश सक्सेना जी, राष्ट्रीय अध्यक्ष आद राजवीर सिंह मंत्र जी, उपाध्यक्ष कुमार रोहित रोज़ जी, मीडिया प्रभारी मिथलेश सिंह मिलिंद जी, आद. इन्दु शर्मा शचि जी। कार्यक्रम का संचालन व संयोजन रोहित कुमार रोज़, मिथलेश सिंह मिलिंद, विनोद वर्मा दुर्गेश जी, अर्चना पाण्डेय जी, वंदना नामदेव जी, अर्चना वर्मा जी, सोनी गौतम जी , प्रेमलता चौधरी जी, शायर देव मेहरानियां जी द्वारा बखूबी अंजाम दिया गया। संस्थान की बिहार इकाई उद्घाटन समारोह में देश के विभिन्न प्रांतों से लगभग सौ जेष्ठ-श्रेष्ठ कवियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और अपने मनमोहक काव्यपाठ से समारोह को ऐतिहासिक व यादगार बना दिया और संस्थान के कार्यों की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए संस्थान को ढेरों बधाइयाँ भी दी। कार्यक्रम की सफलता पर कार्यक्रम संयोजक कुमार रोहित रोज़ ने कार्यक्रम में शामिल सभी कवियों को हार्दिक धन्यवाद कहते हुए, सभी शायरों/कवियों को ” काव्योन्नायक ” की उपाधि से नवाजा। कार्यक्रम में डॉ वाचस्पति कुलवंत जी के गीत की समीक्षा पुस्तक ” सम्यक् इक्षणम् ” का भी विमोचन, मुख्य अतिथि डॉ लक्ष्मीकांत पाण्डेय जी, विशिष्ट अतिथि आद अशोक चौधरी जी व समीक्षक आद श्रीनिवास शुक्ल सरस जी और डॉ राकेश सक्सेना जी के तत्वावधान में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य केंद्र रहे, आद डॉ वाचस्पति कुलवंत जी का लाइव उद्बोधन बहुत ही बेहतरीन व ऊर्जापूर्ण रहा।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।