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प्रगति होती उसी राष्ट्र की
जहां राष्ट्रप्रेम होता भरपूर
राष्ट्र के बिना अस्तित्व कहां
चाहे किसान हो या मजदूर
वेतनभोगी भी अंग राष्ट्र के
खुशहाली सबकी जरूरी है
ईमानदारी से हो सेवा राष्ट्र की
राष्ट्र के प्रति समर्पण जरूरी है
जनहित चिंतन करे हम सब
रोटी, कपड़ा,छत जरूरी है
अमीर गरीब की खाई कम हो
समरस समभाव जरूरी है।
#श्रीगोपाल नारसन
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