जो जग का करता है लालन पोषण
कभी किसी का करता नहीं शोषण
उस प्रभु की सदा आरती हम उतारे
उसको हम कभी भी नहीं बिसरावे
कोरोना काल में ही कर रहा रक्षा
शायद लेे रहा हो हमारी वह परीक्षा
उसकी परीक्षा में सफल हम हो जाए
उसे सदा हम अपना शीश झुकाए।।
जो लिखने की देता है हमें शक्ति
उसकी सदा करे हम सब भक्ति
उसकी भक्ति में हम लीन हो जाए
अच्छे कर्मो में हम सदा ध्यान लगाए।।
शायद इसमें भी कुछ अच्छा होगा
उसने हमें घर में बंद रक्खा होगा
इसमें ही हो हम सबकी कोई भलाई
स्वप्न में न करे हम उसकी कोई बुराई।
आर के रस्तोगी
गुरुग्राम